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फ‍िटकरी और खड़िया डालकर बनाई जा रही थी म‍िठाइयां, दीपावली से पहले उत्तराखंड में पकड़े गए पांच अवैध कारखाने

दीपावली पर जो मिठाई घरों में पहुंचती है उसे भली भांति व जानकार दुकान से ही खरीदें। थोड़ी सी लापरवाही से सेहत को नुकसानदायक हो सकता है। रामनगर में जो कारखाने पकड़े गए हैं वहां चीनी की चाशनी के लिए फिटकरी का उपयोग किया जा रहा था। इसके अलावा बताशे बनाने के दौरान टैल्क पाउडर यानी खड़िया का बारीक मिश्रण मिलाया जा रहा था।

By trilok rawat Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 23 Oct 2024 09:20 AM (IST)
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रामनगर में कारखाना में जांच करते एसडीएम व अन्य अधिकारी।
जागरण संवाददाता, रामनगर। दीपावली के त्योहार में लोगों को नकली मिठाई खिलाने के मंसूबे पर प्रशासन की टीम ने पानी फेर दिया। नगर में प्रशासन की टीम ने मोहल्ला गुलरघटटी, खताड़ी, नई बस्ती में चल रही अवैध मिठाइयों के कारखानों को पकड़ा है। मिठाइयों में प्रतिबंधित फिटकरी व टैल्क पाउडर (खड़िया का बारीक मिश्रण) का उपयोग किया जा रहा था।

फिटकरी चीनी की चाशनी से गंदगी दूर करने व टेल्क पाउडर बताशे के नीचे रखने में उपयोग किया जा रहा था। बिना खाद्य विभाग के लाइसेंस के चल रहे तीन कारखाने को प्रशासन ने सील कर दिया है। जबकि, टेंट लगाकर खुले में चल रहे दो कारखाने का सामान जब्त कर लिया है।

जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम राहुल शाह की अध्यक्षता में मिठाईयों की गुणवता की जांच के लिए समिति गठित की गई। जिसमें सीओ बीएस भंडारी, तहसीलदार कुलदीप पांडे, खाद्य सुरक्षा अधिकारी मो. असलम, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आलोक उनियाल शामिल है।

मंगलवार को एसडीएम शाह के नेतृत्व में टीम ने मोहल्ला गुलरघट्टी, नई बस्ती और खताड़ी क्षेत्रों में पांच कारखाने में चेकिंग की। जिनमें गंदगी के बीच खराब स्थिति में अवैध मिठाई बनाई जा रही थी। कारखाने में सोन पापड़ी, मिल्क केक व बताशे बनाए जा रहे थे। जांच में फैक्ट्री में चार किलो सिंगल यूज प्लास्टिक मिलने पर जुर्माना लगाया गया। तीन कारखानों के पास मिठाई बनाने के लिए कोई लाइसेंस नहीं था। इसके अलावा मिठाई बनाने वाले लोगों का सत्यापन नहीं कराने पर पुलिस ने चालान काटे हैं। एसडीएम ने बताया कि अवैध मिठाई बनाने वालों के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बिना नाम बिना ब्रांड के खपाई जाती थी मिठाई  

मिठाई कारखाने में बनाई जा रही थी। उसमें कोई नाम या ब्रांड नहीं था। मिठाइयों को आसपास व पर्वतीय क्षेत्र में अज्ञात नाम से बेचा जाता, ताकि कोई ब्रांड या नाम नहीं होने से बनाने वाले के बारे में भी कोई जानकारी नहीं हो पाए।

प्रशासन स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। रामनगर में जहां भी बड़े स्तर पर मिठाईयां बनाई जा रही हैं, जनता उसकी जानकारी प्रशासन को दें। दीपावली तक कार्रवाई जारी रहेगी। - राहुल शाह, एसडीएम रामनगर।

दीपावली पर जो मिठाई घरों में पहुंचती है, उसे भली भांति व जानकार दुकान से ही खरीदें। थोड़ी सी लापरवाही से सेहत को नुकसानदायक हो सकता है। रामनगर में जो कारखाने पकड़े गए हैं, वहां चीनी की चाशनी के लिए फिटकरी का उपयोग किया जा रहा था। इसके अलावा बताशे बनाने के दौरान टैल्क पाउडर यानी खड़िया का बारीक मिश्रण मिलाया जा रहा था। कारखाने में सोडियम बाइकार्बोनेट की एक बोतल भी मिली। प्रतिबंधित रसायनों का मिठाई में उपयोग करते देख अफसर भी दंग रह गए।

सोडियम बाइकार्बोनेट फूड ग्रेड में नहीं आते

खाद्य सुरक्षा अधिकारी मो. असलम ने बताया कि फिटकरी, खडिया पाउडर व सोडियम बाइकार्बोनेट फूड ग्रेड में नहीं आते हैं। यानी यह खाने में इस्तेमाल नहीं होते हैं। एसडीएम शाह ने बताया कि बताशे बनाने के दौरान खडिया का पाउडर इस्तेमाल किया जा रहा था। यह कार्रवाई नैन सिंह पुत्र बुद्ध सिंह, मो. तैयब पुत्र इमामी, इकराम पुत्र अमानत हुसैन, मो. अमजद पुत्र अनीस, दिलशाद पुत्र नजाकत के यहां कार्रवाई की गई है।

फिटकरी चाशनी के माध्यम से मिठाई में भी मिल रही होगी। यह काफी नुकसान दायक है। इससे पेट में अल्सर घाव बन सकते हैं। सूजन आ सकती है। लीवर में भी यह नुकसान कर सकता है। जो डायजेशन में परेशानी पैदा करेगी। - डा. बीडी जोशी, वरिष्ठ फिजिशियन व रिटायर सीएमओ बागेश्वर।

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