लिंग परीक्षण रोकने के लिए अपनाएंगे तमिलनाडु मॉडल, जानिए क्या है
लिंग परीक्षण रोकने के लिए राज्य सरकार ने तमिलनाडु मॉडल लागू कर दिया है। इस मॉडल के आधार पर गर्भवती की डिलीवरी तक मॉनीटरिंग की जाएगी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 28 Oct 2018 11:00 AM (IST)
हल्द्वानी (जेएनएन) : लिंग परीक्षण रोकने के लिए राज्य सरकार ने तमिलनाडु मॉडल लागू कर दिया है। इस मॉडल के आधार पर गर्भवती की डिलीवरी तक मॉनीटरिंग की जाएगी। सीएमओ डॉ. भारती राणा ने जिले में सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दे दी है।
शनिवार को डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में डॉ. राणा ने बताया कि इस मॉडल की अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर क्रियान्वयन करना होगा। इसमें गर्भवती का चिकित्सालयों में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। फिर अल्ट्रासाउंड के बाद महिला को टेलीफोन कर स्थिति की जानकारी ली जाएगी। स्वास्थ्य के बारे में भी पूछा जाएगा। डिलीवरी होने तक स्वास्थ्य पर पूरी निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए प्रभारी चिकित्साधिकारियों के अधीन तीन लोगों की कमेटी भी बनाई गई है।टीबी के इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने समीक्षा बैठक में चिकित्सा प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए और कहा कि टीबी कार्यक्रम में किसी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निर्धारित लक्ष्य को दो माह में पूरा कर दिया जाए। सीएमओ ने प्रतिरक्षण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मोटाहल्दू, बैलपड़ाव, कोटाबाग, भीमताल को 18 नवंबर को राष्ट्रीय पोलियो कार्यक्रम आयोजित करना है। इसकी पूरी तैयारी कर ली जाए। समय पर प्रशिक्षण व अन्य तैयारियां भी पूरी कर ली जाए। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत सीएमओ ने चिकित्सा अधिकारियों को तमिलनाडु मॉडल की जानकारी दी और कहा कि जिले में इस मॉडल पर कार्य योजना बनाकर कार्य करने पर बल दिया गया।
बैठक में ये रहे मौजूद
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. टीके टम्टा, डॉ. एमएम तिवारी, डॉ. रश्मि पंत, डॉ. बलवीर, डॉ. अजय कुमार, डॉ. मन्नू खन्ना, डॉ. एनसी तिवारी, मिशन से मदन मेहरा, अनूप बमोला, पंकज तिवारी, दीवान बिष्ट, दीपक कांडपाल, सरयू नंदन जोशी आदि उपस्थित रहे।
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