उत्तराखंड के ताम्र उद्योग को मिला GI Tag, 400 साल पुराना है अल्मोड़ा का तांबे का कारोबार
Tamra Product get GI Tag उत्तराखंड के लोगों और शिल्पकारों के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड के तांबे के कारोबार को जीआई टैग मिला है। यह जानकारी खुद सीएम धामी ने ट्वीट कर दी है। उम्मीद है कि अब ताम्र कारोबार में फिर छाल आएगा।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 24 Jul 2022 01:19 PM (IST)
ऑनलाइन डेस्क, हल्द्वानी : Uttarakhand Tamra Product Get GI Tag : उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ताम्र उत्पाद को जीआई टैग मिला (GI Tag) है। इस बात की जानकारी खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर दी है। जीआई टैग मिलने से जहां तांबे के बर्तनों की डिमांड बढ़ेगी वहीं उत्पदकों की भी स्थिति भी सुधरेगी।
सीएम धामी ने ट्वीट कर दी जानकारी
Tamra Product get GI Tag : सीएम धामी ने रविवार को साढ़े सात बजे ट्वीट करते हुए लिखा कि ताम्र उत्पाद को जीआई टैग यानी भैगोलिक संकेतक प्राप्त होने से ताम्र उत्पादों की मांग बढ़ने के साथ साथ उत्पादकों को भी आर्थिक रूप से मजबूती प्राप्त होगी।
400 साल पुराना अल्मोड़ा का ताम्र कारोबार
अल्मोड़ा के तांबे के बर्तनों की देश के साथ विदेशों में भी डिमांड है। इसीलिए अल्मोड़ा को ताम्र नगरी (Tramranagari Almora ) के रूप में भी जाना जाता है। यहां का तांबा कारोबार करीब 400 साल पुराना माना जाता है। हालांकि धीरे-धीरे सरकारों की उदासीनता के कारण आज यह व्यवसाय सिमट चुका था।
इन्होंने उपलब्ध कराया बाजार
अल्मोड़ा ताम्र व्यवसाय को आज भी काराखाना बाजार में स्थित अनोखे लाल व हरिकिशन नामक दुकान ने जिंदा रखा है। यह दुकान विगत 60 सालों से स्थानीय शिल्पियों के बनाए तांबे के बर्तनों को बाजार उपलब्ध करा रहे हैं।
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