चार्टन लाज आवागढ़ और रुसी बाइपास क्षेत्र स्थित निर्माणाधीन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में हुए भूस्खलन की रोकथाम कार्य इसी सुस्ती को बयां कर रहे है। बता दे कि बीते वर्ष सितंबर माह में चार्टन लॉज आवागढ़ कंपाउंड क्षेत्र में भारी भूस्खलन हुआ था। जिसमें एक दो मंजिला भवन पूरी तरह ध्वस्त होने के साथ ही अन्य तीन भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे।
नरेश कुमार, जागरण
नैनीताल। कछुवा गति से चलने वाले सरकारी सिस्टम की सुस्ती का खामयाजा जनता को भुगतना पड़ता है। हर वर्ष आपदा से निपटने को तमाम बैठके कर बाते व दावे तो खूब किये जाते है, मगर धरातल पर सरकारी प्रयास नजर नहीं आते। ऐसा ही कुछ हाल नैनीताल में बीते मानसून काल के दौरान आपदा के जख्मों का है।
चार्टन लाज आवागढ़ और रुसी बाइपास क्षेत्र स्थित निर्माणाधीन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में हुए भूस्खलन की रोकथाम कार्य इसी सुस्ती को बयां कर रहे है। समय रहते सिस्टम ने रोकथाम के प्रयास तो नहीं किये, अब मानसून सिर पर आने के बाद इन दोनों भूस्खलन क्षेत्रों की रोकथात तिरपाल के भरोसे टिकी हुई है।
बता दे कि बीते वर्ष सितंबर माह में चार्टन लॉज आवागढ़ कंपाउंड क्षेत्र में भारी भूस्खलन हुआ था। जिसमें एक दो मंजिला भवन पूरी तरह ध्वस्त होने के साथ ही अन्य तीन भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे। साथ ही भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर स्थित भवनों में बड़ी-बड़ी दरारें उभर आई थी। एहतियात की दृष्टि से दो दर्जन परिवारों को अन्यत्र विस्थापित किया गया था।
लोनिवि ने अस्थाई रोकथाम के तौर पर जिओ बैग की दीवार लगाकर भूस्खलन तो रोक दिया। मगर दस माह बीतने के बाद भी पहाड़ी की स्थाई रोकथाम के प्रयास नहीं हो सके है। बीती रात से हुई वर्षा से अस्थाई कट्टो की दीवार भी नीचे को खिसकने लगी है। जिससे आवासीय भवनों में निवासरत दर्जनों परिवारों पर खतरा मडरा रहा है। मगर रोकथाम के नाम पर भूस्खलन क्षेत्र को तिरपाल से ढका जा रहा है। ऐसा ही कुछ हाल रुसी बाइपास में पूर्व में प्रस्तावित एडीबी के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थल का है।
पहाड़ी में लगातार भू-कटाव होने से भूस्खलन निर्माणधीन भवन की तलहटी तक पहुंच गया है। जिससे रुसी बाइपास और उसके ठीक ऊपर स्थित ग्रामीण क्षेत्र में भी खतरा बढ़ने लगा है। ईधर भूस्खलन बढ़ने के बाद विभागीय स्तर पर पहाड़ी को तिरपाल से ढक दिया गया है।
40 करोड़ का बना प्रस्ताव, शासन में अटका
96 करोड़ की लागत से शहर में नई सीवर लाइन डालने के साथ ही सीवर ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण का कार्य चल रहा है। बीते वर्ष मानसून के दौरान रुसी में प्रस्तावित प्लांट के नीचे स्थित पहाड़ी पर भूस्खलन होने से खतरा बढ़ा तो प्लांट निर्माण के कार्यों को रोक दिया गया। जिसके लिए पटुवाडांगर में नई भूमि तलाश कर नये सिरे से प्लांट निर्माण की कवायद भी शुरू हो चुकी है।
मगर नये स्थल के चयन के बाद निर्माणदायी विभाग के साथ ही जिम्मेदारों ने पुराने स्थल को भुला दिया। विभाग की ओर से पहाड़ी की रोकथाम को लेकर बीते वर्ष करीब 40 करोड़ का ट्रीटमेंट प्लान बनाया था। जिसमें सुरक्षा दीवार, एकरिंग समेत अन्य कार्य कर पहाड़ी की रोकथाम की जानी थी। मगर एक वर्ष से अधिक समय गुजरने के बाद भी रोकथाम के इस प्रोजेक्ट को शासन से मंजूरी नहीं मिल सकी है।
ऊपर व नीचे निवासरत लोग होंगे प्रभावित
रुसी क्षेत्र में आबादी क्षेत्र की ओर बढ़ रहे भूस्खलन से रुसी के ग्रामीणों के साथ ही पहाड़ी के नीचे की ओर बसे गांव भी प्रभावित होंगे। पहाड़ी में पानी के साथ मलबा सौलिया गांव तक पहुंचने से बीते वर्ष भी भारी नुकसान पहुंचा था। अब समय रहते रोकथाम नहीं हुई तो पहाड़ी के नीचे स्थित सौलिया गांव, जमीरा, धापला क्षेत्र के लिए भी खतरा बढ़ रहा है।
चार्टन लाज भूस्खलन क्षेत्र के स्थाई रोकथाम को लेकर आईआईटी की विशेषज्ञ टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर लिया है। उनके स्तर पर डीपीआर तैयार करने की कार्रवाई की जा रही है। रुसी की रोकथाम के लिए लोनिवि को सड़क से पानी के ड्रेनेज को बेहतर करने के निर्देश दिये गए है।
- फिंचाराम चौहान, एडीएम नैनीताल
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