वोट देने की सजा भुगत रहे शिक्षक बने बीएलओ, उत्पीड़न के कारण लगाई तबादले की गुहार
सड़क के लिए चुनाव बहिष्कार के फैसले के खिलाफ जाकर बीएलओ बनाए गए गांव के शिक्षक ने मताधिकार का प्रयोग कर दिया तो अब उनका गांव में ड्यूटी करना मुश्किल हो गया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 16 Apr 2019 10:17 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : सड़क के लिए चुनाव बहिष्कार के फैसले के खिलाफ जाकर बीएलओ बनाए गए गांव के शिक्षक ने मताधिकार का प्रयोग कर दिया तो अब उनका गांव में ड्यूटी करना मुश्किल हो गया है। परेशान शिक्षक ने गांव से अन्यत्र तबादले की गुहार लगाई है। डीएम ने इस मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। लोकसभा चुनाव में यह पहला मामला है, जब मताधिकार की वजह से शिक्षक को कार्यक्षेत्र से अन्यत्र तबादले की गुहार लगानी पड़ी है।
दरअसल, सड़क नहीं बनने पर भीमताल ब्लॉक के मलुवाताल बूथ पर ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। एसडीएम विवेक राय समेत अन्य ने काफी प्रयास किया, मगर ग्रामीण नहीं माने। मलुवाताल बूथ पर एक मात्र वोट प्राथमिक विद्यालय मलुवाताल में तैनात सहायक अध्यापक लाल सिंह गंगोला ने किया था। वह बीएलओ की भूमिका भी निभा रहे थे। सोमवार को लाल सिंह कलक्ट्रेट में डीएम विनोद कुमार सुमन से मिले और पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि मताधिकार का प्रयोग करने से कार्य बहिष्कार कर चुके ग्रामीण अब उनका मानसिक उत्पीडऩ कर रहे हैं। अध्यापन भी नहीं करने दिया जा रहा है। अन्य तरीके का भी खतरा सता रहा है। लाल सिंह ने मानसिक स्थिति को देखते हुए प्राथमिक विद्यालय मलुवाताल से अन्यत्र तबादले की गुहार लगाई है। डीएम ने उन्हें भरोसा दिया है कि उनके साथ न्याय होगा। डीएम ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से मामले के समाधान के निर्देश दिए हैं।
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