शीतलहर की चपेट में कुमाऊं, मुक्तेश्वर में टूटा रिकॉर्ड, पारा माइनस 4.7 डिग्री पहुंचा
उत्तर पूर्व से आ रही ठंडी हवाओं से समूचा कुमाऊं शीतलहर की चपेट में आ गया है। अल्मोड़ा के बाद पिथौरागढ़, चम्पावत मुख्यालय में भी तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है।
By Edited By: Updated: Fri, 28 Dec 2018 06:18 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तर पूर्व से आ रही ठंडी हवाओं से समूचा कुमाऊं शीतलहर की चपेट में आ गया है। अल्मोड़ा के बाद पिथौरागढ़, चम्पावत मुख्यालय में भी तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। मुक्तेश्वर में ठंड ने पिछले दस वर्षो का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां माइनस 4.7 डिग्री पारा रिकॉर्ड किया गया। वहीं तराई-भाबर में भी तापमान लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ 1.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
पिछले दो दिनों में ठंड एकाएक बढ़ गई है। गुरुवार को ठिठुरा देने वाली सर्दी से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल रहा। रात और सुबह का समय सबसे कठिनाई से बीत रहा है। गुरुवार को कुमाऊं के चार जिलों में तापमान माइनस में पहुंच गया। माइनस 4.7 डिग्री तापमान के साथ नैनीताल जिले का मुक्तेश्वर सर्वाधिक ठंडा रहा। मुक्तेश्वर में 2008 से दिसंबर माह में इतनी ठंड नहीं पड़ी। वहीं तराई-भाबर में भी पिछले दो साल में इस बार की जैसी ठंड नहीं पड़ी। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिन ठंड का असर इसी तरह जारी रहने की आशंका है।
पिछले दो दिनों में ठंड एकाएक बढ़ गई है। गुरुवार को ठिठुरा देने वाली सर्दी से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल रहा। रात और सुबह का समय सबसे कठिनाई से बीत रहा है। गुरुवार को कुमाऊं के चार जिलों में तापमान माइनस में पहुंच गया। माइनस 4.7 डिग्री तापमान के साथ नैनीताल जिले का मुक्तेश्वर सर्वाधिक ठंडा रहा। मुक्तेश्वर में 2008 से दिसंबर माह में इतनी ठंड नहीं पड़ी। वहीं तराई-भाबर में भी पिछले दो साल में इस बार की जैसी ठंड नहीं पड़ी। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिन ठंड का असर इसी तरह जारी रहने की आशंका है।
कहां कितना रहा न्यूनतम तापमान
मुक्तेश्वर -4.7 डिग्री
पिथौरागढ़ -0.7 डिग्री
नैनीताल 3.0 डिग्री
हल्द्वानी 1.2 डिग्री
अल्मोड़ा -2.2 डिग्री
चम्पावत -0.7 डिग्री
पंतनगर 1.2 डिग्री मुक्तेश्वर में दस वर्षो का न्यूनतम पारा (डिग्री सेल्सियस)
वर्ष सर्वाधिक सर्द रात तापमान
2018 27 दिसंबर -4.7
2017 25 दिसंबर 2.1
2016 26 दिसंबर 0.6
2015 24 दिसंबर -2.4
2014 16 दिसंबर -3.9
2013 31 दिसंबर -2.5
2012 14 दिसंबर -2.2
2011 22 दिसंबर 0.4
2010 31 दिसंबर 0.0
2009 31 दिसंबर 0.0
2008 31 दिसंबर 0.8
मुक्तेश्वर -4.7 डिग्री
पिथौरागढ़ -0.7 डिग्री
नैनीताल 3.0 डिग्री
हल्द्वानी 1.2 डिग्री
अल्मोड़ा -2.2 डिग्री
चम्पावत -0.7 डिग्री
पंतनगर 1.2 डिग्री मुक्तेश्वर में दस वर्षो का न्यूनतम पारा (डिग्री सेल्सियस)
वर्ष सर्वाधिक सर्द रात तापमान
2018 27 दिसंबर -4.7
2017 25 दिसंबर 2.1
2016 26 दिसंबर 0.6
2015 24 दिसंबर -2.4
2014 16 दिसंबर -3.9
2013 31 दिसंबर -2.5
2012 14 दिसंबर -2.2
2011 22 दिसंबर 0.4
2010 31 दिसंबर 0.0
2009 31 दिसंबर 0.0
2008 31 दिसंबर 0.8
1991 में पड़ी थी रिकॉर्ड सर्दी
नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में दिसंबर में सर्वाधिक ठंड वर्ष 1991 में रिकॉर्ड की गई थी। 29 दिसंबर 1991 में मुक्तेश्वर में माइनस 5.7 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया था। तब मुक्तेश्वर में जबरदस्त बर्फबारी भी हुई थी। सूखी ठंड ने बढ़ाई ठिठुरन इस बार ठिठुरन बढ़ने के पीछे सूखी ठंड को भी प्रमुख कारण बताया जा रहा है। मुक्तेश्वर की ही बात करें तो पिछले दस वर्षो में एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया, जब दिसंबर के महीने बारिश नहीं हुई हो। 2008 व 2016 में हल्की बारिश हुई थी। सर्वाधिक 105 मिमी बारिश दिसंबर 2014 में हुई थी। इस बार दिसंबर का महीना सूखा ही बीता है। पूर्वानुमान
आज भी जारी रहेगी शीतलहर देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, अगले दो दिन ठंड का असर जारी रहेगा। आंशिक बादल छाए रहेंगे। शुक्रवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में शीतलहर से अति शीतलहर रह सकती है। पर्वतीय इलाकों में पाला गिरने की आशंका रहेगी। लोगों से ठंड से बचाव के उपाय करने को कहा गया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में दिसंबर में सर्वाधिक ठंड वर्ष 1991 में रिकॉर्ड की गई थी। 29 दिसंबर 1991 में मुक्तेश्वर में माइनस 5.7 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया था। तब मुक्तेश्वर में जबरदस्त बर्फबारी भी हुई थी। सूखी ठंड ने बढ़ाई ठिठुरन इस बार ठिठुरन बढ़ने के पीछे सूखी ठंड को भी प्रमुख कारण बताया जा रहा है। मुक्तेश्वर की ही बात करें तो पिछले दस वर्षो में एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया, जब दिसंबर के महीने बारिश नहीं हुई हो। 2008 व 2016 में हल्की बारिश हुई थी। सर्वाधिक 105 मिमी बारिश दिसंबर 2014 में हुई थी। इस बार दिसंबर का महीना सूखा ही बीता है। पूर्वानुमान
आज भी जारी रहेगी शीतलहर देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, अगले दो दिन ठंड का असर जारी रहेगा। आंशिक बादल छाए रहेंगे। शुक्रवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में शीतलहर से अति शीतलहर रह सकती है। पर्वतीय इलाकों में पाला गिरने की आशंका रहेगी। लोगों से ठंड से बचाव के उपाय करने को कहा गया है।