नैनी झील का अस्तित्व बचाने को सूखाताल के दिन बहुरेंगे, तीन करोड़ का टेंडर जारी
हाई कोर्ट की सख्ती, जनदबाव के बाद आखिरकार सिंचाई विभाग ने नैनी झील के कैचमेंट सूखाताल झील को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 17 Feb 2019 08:05 PM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट की सख्ती, जनदबाव के बाद आखिरकार सिंचाई विभाग ने नैनी झील के कैचमेंट सूखाताल झील को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। विभाग ने नैनी झील में गिरने वाले नालों तथा शहर के अस्तित्व के लिए खतरा बने बलियानाले के ट्रीटमेंट के लिए भी निविदा जारी कर दी है। आम चुनाव की अधिसूचना से पहले तीनों महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने के आसार बन रहे हैं।
नैनी झील के जलागम क्षेत्र सूखाताल में बड़े पैमाने पर लगे निर्माण सामग्री के मलबे के ढेर सीमेंट के समान सख्त हो गए हैं, जिससे सूखाताल झील बरसात के सीजन में भी पूरा आकार नहीं ले पा रही है। सूखाताल के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण कर मकान बना दिए गए हैं। प्राधिकरण, पालिका, लोनिवि, सिंचाई विभाग आदि की संयुक्त टीमों के सर्वे में तीन दर्जन से अधिक अतिक्रमण चिह्निïत किए गए, मगर अब तक हटाए नहीं गए। हिल साइड सेफ्टी कमेटी की बैठक में कमिश्नर राजीव रौतेला ने सूखाताल झील को पुनर्जीवित करने को प्राथमिकता बताया था। सिंचाई विभाग ने सूखाताल में मलबा हटाने, दीवारबंदी समेत अन्य कार्य के लिए तीन करोड़ की धनराशि का टेंडर जारी कर दिया गया है।
62 नालों के जीर्णोद्धार के लिए पांच करोड़ का प्रोजेक्ट
नैनी झील में गिरने वाले नालों के दिन भी बहुरेंगे। सिंचाई विभाग ने इन नालों के जीर्णोद्धार के लिए करीब पांच करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया है, जिसका टेंडर भी जारी हो चुका है। यह प्रोजेक्ट पहले लोनिवि ने तैयार किया था, मगर अब नालों का जिम्मा सिंचाई विभाग के पास आ गया तो प्रोजेक्ट भी हस्तांतरित हो गया। झील के चारों ओर 62 नाले हैं। इन्हीं नालों से ही झील रिचार्ज होती है।
बलियानाला के ट्रीटमेंट में चार माह में खर्च होंगे 3.5 करोड़
शहर के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण बलियानाला के शॉर्ट टर्म कार्यों के लिए भी सिंचाई विभाग ने निविदा निकाल दी है। विभाग द्वारा बलियानाले के लिए फिलहाल साढ़े तीन करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की है। इन कार्यों की अवधि चार माह रखी गई है।
नैनी झील के अस्तित्व के लिए यह कदम जरूरी प्रो. अजय रावत, पर्यावरणविद व हाई कोर्ट में सूखाताल को लेकर पीआइएल दायर करने वाले ने बताया कि सूखाताल नैनी झील का जलागम क्षेत्र है। इसके डूब क्षेत्र से अतिक्रमण हटाना जरूरी है। नैनी झील के अस्तित्व के लिए सूखाताल झील का पुनर्जीवित होना जरूरी है। यह कार्य प्राथमिकता में होना चाहिए।
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