प्रदेश का पहला जैव विविधता धरोहर क्षेत्र बनेगा थलकेदार का जंगल NAINITAL NEWS
पिथौरागढ़ का थलकेदार जंगल जल्द ही बायो डायवर्सिटी हैरिटेज एरिया (जैव विविधता धरोहर क्षेत्र) घोषित हो जाएगा। प्रदेश में पहली बार किसी जंगल को धरोहर का दर्जा मिलेगा।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 14 Sep 2019 11:26 AM (IST)
पिथौरागढ़, रमेश गड़कोटी : पिथौरागढ़ का थलकेदार जंगल जल्द ही बायो डायवर्सिटी हैरिटेज एरिया (जैव विविधता धरोहर क्षेत्र) घोषित हो जाएगा। प्रदेश में पहली बार किसी जंगल को धरोहर का दर्जा मिलेगा। स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड ने इसकी स्वीकृति दे दी है। प्रदेश सरकार जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी करेगी। इसके बाद जंगल के प्रबंधन का जिम्मा ग्रामीण खुद संभालेंगे और वन विभाग विभिन्न शोध कार्य करेगा।
स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड ने प्रदेश के वन महकमे से हैरिटेज एरिया के लिए प्रस्ताव मांगे थे। प्रदेश के सभी वन प्रभागों से इसके लिए प्रस्ताव भेजे गए। इनमें पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के नजदीकी थलकेदार जंगल के प्रस्ताव को सबसे उपयुक्त पाया गया। बोर्ड ने इस जंगल को जैव विविधता धरोहर क्षेत्र घोषित करने के लिए हरी झंडी दे दी है। हरी झंडी मिलने के बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है। सरकार की ओर से अब इसका नोटिफिकेशन होना है।
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर स्थित आठगांव शिलिंग क्षेत्र से थलकेदार जंगल की सरहद शुरू होती है। 4500 से 6000 फिट की ऊंचाई तक फैले इस जंगल की अंतिम सीमा चंपावत जनपद से लगे पंचेश्वर क्षेत्र तक है। यह जिले का अकेला ऐसा जंगल है जिसमें 70 प्रतिशत वृक्ष चौड़ी पत्ती वाले हैं। जैव विविधता से भरे इस जंगल में जल संग्रहण की जबरदस्त क्षमता है। पिथौरागढ़ नगर के साथ ही गुरना और आसपास के तमाम गांवों को इस जंगल से पानी मिलता है। तमाम जड़ी बूटियां इस जंगल में मिलती हैं। मानसूनी हवाओं को रोककर वर्षा कराने में भी इस जंगल का बड़ा योगदान है। लैपर्ड का इससे बड़ा प्राकृतिक वास जिले में नहीं है। पक्षियों का अद्भुत संसार भी इस जंगल में मिलता है।
स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड ने प्रदेश के वन महकमे से हैरिटेज एरिया के लिए प्रस्ताव मांगे थे। प्रदेश के सभी वन प्रभागों से इसके लिए प्रस्ताव भेजे गए। इनमें पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय के नजदीकी थलकेदार जंगल के प्रस्ताव को सबसे उपयुक्त पाया गया। बोर्ड ने इस जंगल को जैव विविधता धरोहर क्षेत्र घोषित करने के लिए हरी झंडी दे दी है। हरी झंडी मिलने के बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है। सरकार की ओर से अब इसका नोटिफिकेशन होना है।
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर स्थित आठगांव शिलिंग क्षेत्र से थलकेदार जंगल की सरहद शुरू होती है। 4500 से 6000 फिट की ऊंचाई तक फैले इस जंगल की अंतिम सीमा चंपावत जनपद से लगे पंचेश्वर क्षेत्र तक है। यह जिले का अकेला ऐसा जंगल है जिसमें 70 प्रतिशत वृक्ष चौड़ी पत्ती वाले हैं। जैव विविधता से भरे इस जंगल में जल संग्रहण की जबरदस्त क्षमता है। पिथौरागढ़ नगर के साथ ही गुरना और आसपास के तमाम गांवों को इस जंगल से पानी मिलता है। तमाम जड़ी बूटियां इस जंगल में मिलती हैं। मानसूनी हवाओं को रोककर वर्षा कराने में भी इस जंगल का बड़ा योगदान है। लैपर्ड का इससे बड़ा प्राकृतिक वास जिले में नहीं है। पक्षियों का अद्भुत संसार भी इस जंगल में मिलता है।
ये होंगे लाभ
जिला मुख्यालय के ठीक सामने फैले थलकेदार में शीतकाल में सबसे पहले हिमपात होता है और सबसे लंबे समय तक यहां बर्फ जमा रहती है। अप्रैल तक भी इस जंगल में बर्फ देखने को मिल जाती है। चार दशक पूर्व इस जंगल की बर्फ बिकने के लिए पिथौरागढ़ बाजार तक आती थी। लोग पराली के बीच बर्फ रखकर पिथौरागढ़ लाते थे। फ्रिज का प्रचलन हो जाने के बाद यहां से बर्फ आनी बंद हो गई।
- कार्बन सोखने की क्षमता का आंकलन
- आक्सीजन उत्पादित करने की क्षमता
- पेड़ों की सेहत की देखभाल
- मृदा अपघटन का आंकलन
- ग्रामीणों को मिलेगा प्रबंधन का अधिकार
- ग्रामीणों के लिए संचालित होंगे आजीविका संवद्र्धन के कार्यक्रम
- इको टूरिज्म डेवलपमेंट
जिला मुख्यालय के ठीक सामने फैले थलकेदार में शीतकाल में सबसे पहले हिमपात होता है और सबसे लंबे समय तक यहां बर्फ जमा रहती है। अप्रैल तक भी इस जंगल में बर्फ देखने को मिल जाती है। चार दशक पूर्व इस जंगल की बर्फ बिकने के लिए पिथौरागढ़ बाजार तक आती थी। लोग पराली के बीच बर्फ रखकर पिथौरागढ़ लाते थे। फ्रिज का प्रचलन हो जाने के बाद यहां से बर्फ आनी बंद हो गई।
जल्द सरकार घोषित करेगी नोटिफिकेशन
विनय भार्गव, डीएफओ पिथौरागढ़ ने बताया कि थलकेदार क्षेत्र का जंगल आरक्षित और पंचायती वन क्षेत्र के अंतर्गत है। स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड ने इसे हैरिटेज जंगल घोषित करने के लिए हरी झंडी दे दी है। जल्द ही सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है। यह जंगल भविष्य में पर्यटन कारोबार के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह भी पढ़ें : होटल-रिसॉर्ट बचाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेनी होगी अनुमति, खर्च होंगे सिर्फ एक से दस हजार
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।विनय भार्गव, डीएफओ पिथौरागढ़ ने बताया कि थलकेदार क्षेत्र का जंगल आरक्षित और पंचायती वन क्षेत्र के अंतर्गत है। स्टेट बायो डायवर्सिटी बोर्ड ने इसे हैरिटेज जंगल घोषित करने के लिए हरी झंडी दे दी है। जल्द ही सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने की उम्मीद है। यह जंगल भविष्य में पर्यटन कारोबार के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह भी पढ़ें : होटल-रिसॉर्ट बचाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेनी होगी अनुमति, खर्च होंगे सिर्फ एक से दस हजार
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