मास्टर प्लान तय करेगा शहर में कहां बनेगा स्कूल व अस्पताल nainital news
शहर के किस इलाके में स्कूल कॉलेज अस्पताल बाजार व पुलिस थाने से लेकर एटीएम और पब्लिक टॉयलेट की जरूरत है इसके लिए मास्टर प्लान बनाया जा रहा है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 06 Feb 2020 12:00 PM (IST)
गणेश पांडे, हल्द्वानी। शहर के किस इलाके में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बाजार व पुलिस थाने से लेकर एटीएम और पब्लिक टॉयलेट की जरूरत है, इसके लिए मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। इसका ड्राफ्ट तैयार करने में माइक्रो लेवल पर काम हो रहा है। यह प्लान शहर की सभी डेवलपमेंट एजेंसियों के लिए गाइड की तरह काम करेगा।
हल्द्वानी शहर के मास्टर प्लान के ड्राफ्ट को इस साल जून तक अंतिम रूप देना है। नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) हैदराबाद से हल्द्वानी को जीआइएस बेस्ड 896 इमेज डिजिटल रूप में प्राप्त हो चुकी हैं। हल्द्वानी में मास्टर प्लान बनाने का जिम्मा गुडग़ांव की फर्म इनोवेस्ट इन्फ्रा के पास है। वर्तमान में फर्म डिजिटल सीट का भौतिक सत्यापन व मिलान करने में जुटी है। अब तक 200 सीट का सत्यापन पूरा हो गया है। कुमाऊं के सहयुक्त नियोजक एसएम श्रीवास्तव ने बताया कि फर्म के भौतिक सत्यापन को विभाग रेंडमली चेक भी कर रहा है। सत्यापन के लिए जीआइएस बेस्ड कैमरा एप प्रयुक्त हो रहा है। अक्षांश व देशांतर के साथ फोटो संग्रहित की जा रही हैं।
मास्टर प्लान के लिए ये हैं प्रमुख मुद्दे-आवासीय प्लॉटों पर बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियां।
-नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास।-मिक्स लैंडयूज।-अवैध कालोनियों का नियमितीकरण।-जोनल प्लान बनाना।आबादी व सुविधाओं का संतुलनकेंद्र की गाइडलाइन में आबादी व क्षेत्र के हिसाब से सुविधाओं की संख्या तय की गई है। हर कॉलोनी सहित बड़े एरिया में खेल मैदान, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, पुलिस थाना, पार्किंग, सीवेज व पेयजल नेटवर्क, सड़क के मापदंड आदि केंद्र की गाइडलाइन में तय हैं। इसीके आधार पर इसके लिए जमीन आरक्षित की जाएगी।
जोनल प्लान के अनुसार तय होगा एफएआरशहर को जोन में बांटकर हर एरिया के लिए अलग-अलग फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर), मिनिमम ओपन स्पेस (एमओएस) व लैंडयूज तय होगा। इससे पहले ध्यान रखा जाएगा कि इससे शहर के किसी एक इलाके में आबादी का दबाव बहुत अधिक नहीं बढ़ जाए। यानी वर्टिकल व होरिजेंटल डेवलपमेंट में बैलेंस किया जाएगा। कुमाऊं के सहआयुक्त एमएम श्रीवास्तव का कहना है कि डिजिटल इमेज से शहर के लैंडयूज, भवन का उपयोग, फ्लोर की संख्या, रोड की चौड़ाई आदि का भौतिक सत्यापन चल रहा है। मास्टर प्लान से शहर के नियोजित विकास में मदद मिलेगी।
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