युवाओं की नशों से घुल रहा नशे का जहर फिर भी मंडल में एक भी नहीं है सरकारी नशा मुक्ति केंद्र
मंडल भर में एक भी सरकारी नशा मुक्ति केंद्र नहीं है। निजी स्तर पर संचालित नशा मुक्ति केंद्र या तो मानकों के विपरीत चल रहे है या फिर लोगों की जेब काट रहे हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 28 Jan 2020 09:15 AM (IST)
नैनीताल, नरेश कुमार: नशे की लत युवाओं की नशों में जहर घोल रही है। पहाड़ों पर धड़ल्ले से चरस, नशीली दवाइयां और स्मैक का कारोबार फल फूल रहा है। पुलिस भी इस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। मंडल भर में एक भी सरकारी नशा मुक्ति केंद्र नहीं है। निजी स्तर पर संचालित नशा मुक्ति केंद्र या तो मानकों के विपरीत चल रहे है या फिर लोगों की जेब काट रहे हैं।
स्वयंसेवी संस्थाओं के रूप में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र कुमाऊं मंडल में नशा मुक्ति केंद्र स्वयंसेवी संस्थाओं के रूप में संचालित हो रहे है। इन नशा मुक्ति केंद्र के रूप में पंजीकरण नहीं होने के कारण नशे के आदी मरीजों को सही उपचार नहीं मिल रहा है।
बीडी पांडे अस्पताल हो सकता है विकल्पनशा मुक्ति केंद्र के मानकों को पूरा करने के लिए केंद्र में एक मनोचिकित्सक, काउंसलिंग विशेषज्ञ और विशेष प्रशिक्षण प्राप्त नर्सों की आवश्यकता होती है। संयोगवश बीडी पांडे जिला अस्पताल में मनोचिकित्सक और काउंसलिंग विशेषज्ञ के साथ ही नशा मुक्ति के लिए प्रशिक्षण प्राप्त नर्से भी हैं। जिस यह अस्पताल नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने के लिए विकल्प के रूप में कार्य कर सकता है।
जानिए क्या कहते हैं मनोचिकित्सक डॉ. गिरीश पांडे, मनोचिकित्सक बीडी पांडे अस्पताल ने बताया कि शुरुआत में शौक के तौर पर शुरू किया नशा युवाओं की आदत बन रहा है। नशा व्यक्ति को मानसिक तौर पर कमजोर कर देता है। शराब जैसे नशे काउंसलिंग के माध्यम से आसानी से छुड़ाए जा सकते है, लेकिन स्मैक और नशीली दवाइयों का नशा आसानी से नहीं छूटता। इसके लिए व्यक्ति को काउंसलिंग, समुचित देखरेख के साथ ही दवाइयों की भी मदद लेनी पड़ती है। जिसके लिए अलग से केंद्र होना जरूरी है। हर माह अस्पताल में 150 से 200 लोगों को परामर्श दिया जाता है, जिसमें से अधिकतर नशे के आदी होते है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दे रहा युवाओं का नया जीवननशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नया जीवन दे रहा है। प्राधिकरण की ओर से जहां समय समय पर स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहे है। नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं को इलाज के लिए नशा मुक्ति केंद्र भेजा जा रहा है। यह भी पढ़ें : प्रतिमाह 30 हजार रुपये वेतन देने व इंटरनेट की मांग को लेकर राशन विक्रेता देंगे धरना
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