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Nainital: पहाड़ों में अभी भी बर्फबारी की नहीं संभावना, फरवरी व मार्च में होगी सूखे की भरपाई; बारिश के साथ हिमपात के आसार

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के पर्यावरण विज्ञानी डा नरेंद्र सिंह ने बताया कि नौ जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पर्वतीय हिस्सों में देखने को मिलेगा। जिससे बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है लेकिन नैनीताल व मुक्त्तेश्वर सरीखे ऊंचाई वाले हिस्सों में संभव है कि हल्की वर्षा हो जाए मगर हिमपात की संभावना नजर नहीं आ रही।

By kishore joshi Edited By: riya.pandey Updated: Mon, 08 Jan 2024 04:19 PM (IST)
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पहाड़ों में अभी भी बर्फबारी की नहीं संभावना
जागरण संवाददाता, नैनीताल। भले ही पश्चिमी विक्षोभ बाह फैलाए आ रहा हो, लेकिन बर्फबारी की संभावना नजर नहीं आ रही। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सूखे की भरपाई फरवरी मार्च में हो सके। जलवायु परिवर्तन के साथ अलनीनो का शीत ऋतु में सूखे के रूप के प्रभाव देखने को मिला है।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के पर्यावरण विज्ञानी डा नरेंद्र सिंह ने बताया कि नौ जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पर्वतीय हिस्सों में देखने को मिलेगा। जिससे बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है, लेकिन नैनीताल व मुक्त्तेश्वर सरीखे ऊंचाई वाले हिस्सों में संभव है कि हल्की वर्षा हो जाए, मगर हिमपात की संभावना नजर नहीं आ रही। इस बीच शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान हिमपात के अनुकूल नहीं हैं।

पिछले दिनों आए पश्चिमी विक्षोभ का असर भी ढाई हजार फीट से ऊपर ऊंचाई वाले हिस्सों में ही रहा और निचले हिस्से हिमपात से वंचित रहे। शीतकाल में सूखे की एक बड़ी वजह अलनीनों है,जो अगले कुछ महीनों तक सक्रिय रहने वाला है। शीतकाल में रहे सूखे का असर फरवरी व मार्च में देखने को मिल सकता है।

संभव है कि आने वाले इन महीनों में बारिश के साथ बर्फबारी भी हो। वैसे भी मौसम का पैटर्न बदलने लगा है। देर से शीत और गर्मी का आना, पिछले कुछ वर्षों से देखने को मिल रहा है। फिलहाल वर्तमान मौसम को प्रभावित करने वाला अलनीनो पर नजर है। जिसका प्रभाव समाप्त होने के बाद ही मौसम का मिजाज संतुलित हो पाएगा।

बादल छाने से बढ़ी ठंड

सरोवर नगरी में रविवार को मौसम का मिलाजुला रहा। अधिकांश समय बादल छाने से ठंड में बढ़ोतरी हो चली है। लोगों को दिन में ही हीटर व आग का सहारा लेना पढ़ा। शाम के समय बादल छट गए और पाला गिरना शुरू हो गया। जिस कारण तापमान अधिक गिरावट आ गई। जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 15 व न्यूनतम छः डिग्री सेल्सियस रहा। आद्रता अधिकतम 85 व न्यूनतम 55 प्रतिशत रही।

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