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Earthquake: भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील हैं उत्तराखंड के ये जिले, वैज्ञानिक शोध में खुलासा; बताई ये वजह

Earthquake Alert उत्तराखंड पर भूकंप का खतरा मंडरा रहा है। उत्तराखंड भूकंप के अति संवेदनशील जोन पांच में आता है। हिमालयी प्रदेशों में से एक उत्तराखंड में भूकंप के लिहाज से संवेदनशी राज्य है और यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें तो इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग ) बागेश्वर पिथौरागढ़ चमोली उत्तरकाशी जिले आते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Thu, 05 Oct 2023 10:31 AM (IST)
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उत्तराखंड में भूकंप का है खतरा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, नैनीताल। उत्तराखंड में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, कुमाऊं में कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी भूकंप की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील है। इन इलाकों में भूकंप धर के दस से लेकर 25 किलोमीटर गहराई के बीच भूकंप आते रहे हैं। इंडियन प्लेट में हिमालयन थ्रस्ट के जोड़ में गतिविधियों भूकंप की वजह हैं।

लेसर हिमालया में सबसे अधिक भूकंप आ रहे हैं। भूकंप में चट्टान के अपेक्षा मिट्टी वाले इलाकों में नुकसान अधिक होता है। इस दृष्टि से ऊधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर, काशीपुर, अल्मोड़ा, देहरादून, पौड़ी बेहद संवेदनशील है।

डा संतोष जोशी ने किया शोध

कुमाऊं विवि भूगर्भ विज्ञान विभाग के डा संतोष जोशी ने हिमालयी क्षेत्र में भूकंप की संवेदनशीलता पर शोध अध्ययन किया है। यह शोध पत्र जर्नल्स आफ अर्थक्वेक इंजीनियरिंग प्रकाशित भी हो चुका है। भूगर्भ विज्ञान विभाग ने पृथ्वी मंत्रालय के सहयोग से मुनस्यारी, तोली, भराणीसैंण चमोली, चंपावत के सुयालखर्क, कालखेत, धौलछीना, मासी, देवाल, फरसाली कपकोट, पांगला पिथौरागढ़, कुमइया चौड़ पिथौरागढ़ समेत 12 स्थानों पर भूकंपमापी यंत्र स्थापित किए गए हैं।

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इन जगहों पर स्थित है भूकंप मापने के लिए यंत्र

पिथौरागढ़ समेत 12 स्थानों पर भूकंप मापी यंत्र स्थापित किए गए हैं। अध्ययन के अनुसार छह अप्रैल 2005 से दस जनवरी 2017 तक ही 58 भूकंप का अध्ययन किया गया है। 2017 के बाद भी एक दर्जन से अधिक छोटे भूकंप रिकॉर्ड किये गए हैं।

जोन पांच में है उत्तराखंड

उत्तराखंड भूकंप के अति संवेदनशील जोन पांच में आता है। हिमालयी प्रदेशों में से एक उत्तराखंड में भूकंप के लिहाज से संवेदनशी राज्य है और यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें तो इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग ), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं, जबकि ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं।

इसलिए आते हैं इस क्षेत्र में भूकंप

हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट की टकराहट के चलते जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है। जिस कारण भूकंप आना स्वाभाविक है। पिछले रिकॉर्ड के अनुसार करीब नौ झटके साल भर में महसूस किए जा सकते हैं। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच में भूगर्भ में तनाव की स्थिति लगातार बनी है। पिछले रिकॉर्ड भी देखें तो अति संवेदनशील जिलों में ही सबसे अधिक भूकंप रिकॉर्ड किए गए हैं।

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