जिस मां ने पाला, बेटियों ने उसे ही घर से निकाला
नैनीताल में कलयुगी संतानों ने अपनी बूढ़ी मां को बोझ समझकर घर से निकाल दिया। अंत में थक हार कर मां ने प्रशासन को पत्र लिखकर भी न्याय दिलाने की गुहार लगाई।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 12 Feb 2018 11:09 AM (IST)
यह वही मां है जिसने अपने इन कलेजे के टुकड़ों को पालने के लिए मजदूरी की, दूध बेचा, दिन-भर धूप हो चाहे बरसात खेतों में मेहनत की। सिर्फ इसलिए कि मेरे बच्चों को भविष्य बेहतर होगा। इतना सब कुछ करने के बाद भी इस कलयुगी संतान को जरा भी रहम नहीं आया उस बूढ़ी मां पर, इस संतान ने उसे बोझ समझकर घर से निकाल दिया। अंत में थक हार कर मां ने प्रशासन को पत्र लिखकर भी न्याय दिलाने की गुहार लगाई।
मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के ताकुला बसौली क्षेत्र के भटगौं निवासी पार्वती देवी पत्नी भैरव दत्त की उम्र 80 साल है। नैनीताल के सात नंबर क्षेत्र में उनका मकान है। वृद्धा के पति लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त थे। एक बेटा और दो बेटियों के इस परिवार में एक बेटा जो कि पोलियोग्रस्त था, वह करीब 15 साल पहले घर से लापता हो गया, तब से उसका कहीं कोई पता नहीं चल पाया।
दोनों बेटियों की शादी करने के बाद मां घर में अकेले रह गई। जब तक शरीर में जान थी तो मां ने किसी से सहारा देने को नहीं कहा, लेकिन अब शरीर में जान नहीं रही तो यह मां सहारे के लिए भटकने को मजबूर हो गई। नगर में किराये में रह रही इस मां को बेटियों ने वहां भी रहने नहीं दिया, वहां से भी निकलवा दिया।
केएमवीएन के कन्नू दी शरण
पार्वती की दोनों बेटियों के पति राजकीय सेवा में तैनात हैं। एक नैनीताल में तो दूसरी हल्द्वानी में रहती है। बर्फबारी के दौरान उसे बेरहम बेटी ने ठंड में ही घर से निकाल दिया। दर-दर भटक रही इस मां पर केएमवीएन में कार्यरत कन्नू बिष्ट की पत्नी तुलसी ने दरियादिली दिखाकर उसे अपने पास शरण दी। पीड़ित मां ने बताया कि उनकी बेटियों ने उसकी सारी जमा पूंजी ले ली, उनको पढ़ाने लिखाने की इतनी कठिन सजा उसे मिलेगी, यह उसने कभी सोचा भी नहीं था।
जागरण संवाददाता से बातचीत में रोते बिलखते पार्वती ने कहा कि पड़ोसी उसकी सेवा कर रहे हैं, मगर उसे यह गम खाए जा रहा है कि कहीं दोनों बेटियां व दामाद किसी मामले में पड़ोसियों को ना फंसा दें। तमाम बीमारियों से घिरी पार्वती की आंख के बहते आंसू जुल्म की कहानी बयां कर रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।