Move to Jagran APP

आज होगी प्रकृति की पूजा, भगवान श्रीकृष्ण को लगेगा 56 भोग

दीपावली के दूसरे दिन आज जिले भर में भगवान श्रीकृष्ण व गाय माता का पूजन किया जा रहा है। साथ ही कल भैया दूज मनाया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 08 Nov 2018 01:59 PM (IST)
आज होगी प्रकृति की पूजा, भगवान श्रीकृष्ण को लगेगा 56 भोग
नैनीताल, (जेएनएन) : दीपावली के दूसरे दिन पडऩे वाला गोवर्धन पूजन दिवस गुरुवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। जगह-जगह प्रकृति व गौ पूजन की तैयारी चल रही है। श्रीविष्णु अवतार श्रीकृष्ण ने प्रकृति, पशु व मानव रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को तर्जनी अंगुली पर उठा लिया था। इसी खुशी में गोवर्धन पूजा के लिए गौ व प्रकृति का पूजन होता है। शहर के प्रतिष्ठित सत्यनारायण मंदिर में गोवर्धन पर्वत सजाया गया है। शाम को भगवान गोवर्धन की स्थापना के बाद प्राण प्रतिष्ठा होगी। गौ, प्रकृति का पूजन होगा। श्रीहरि को अन्नकूट और 56 भोग लगाया जाएगा। आचार्य शेखर चंद्र जोशी ने बताया कि श्रीहरि प्रकृति के रक्षक हैं। वहीं, शहर के प्राचीन राम मंदिर, खांटू श्याम मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। राम मंदिर के व्यवस्थापक महंत विवेक शर्मा ने बताया कि ठाकुर जी का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। अन्नकूट और मालपुओं का भोग लगाने के बाद प्रसाद बांटा जाएगा।

कल बहनें करेंगी भाई की दीर्घायु की कामना : यम द्वितीया यानी भैया दून का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन यमुना जी का पूजन होगा। बहनें अपने भाई के घर जाकर च्यूड़े पूजेंगी और उनकी दीर्घायु की कामना करेंगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक भगवान सूर्य की पुत्री यमुना, यमराज और शनि की बहन हैं। इस दिन यम व शनि अपनी बहन से मिलने उसके घर आते हैं।

बागेश्वर में हुआ गोमाता का पूजन : जिले के सभी इलाकों में गोवर्धन पर्व धूमधाम से मनाया गया। गांवों में लोगों ने गाय की पूजा की और आशीर्वाद मांगा। इस मौके पर पकवान भी बनाए गए। गोवर्धन पर्व पर लोगों ने गाय के पैर धोए। गाय को फूलमाला पहनाई और उसकी पूजा की। ऐसा माना जाता है कि गाय के पैरों में ही चार धाम बसते हैं। गाय ही मनुष्य की बैतरणी पार लगाती है। इस मौके पर गाय को चावल से पीसकर मानी और हथाई लगाई जाती है। लोग गोमाता से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। कहा जाता है कि गाय की पूजा करने से दूध, दही, घी और धिनाली बढ़ती है। इस मौके पर सभी लोगों ने पशुओं के संरक्षण की भी कामना की। उन्होंने कहा कि हमारे पुराणों और शास्त्रों में गाय को मां का दर्जा दिया गया है। लेकिन समय के साथ अब लोग पशुधन से दूर हटते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिसके घर में गाय होती है वह स्वर्ग में प्रवेश करता है। उसके घर में हमेशा उन्नति व सुख, शांति आती है। गांवों में लोगों ने गोमाता की पूजा-अर्चना कर सुख-शांति की कामना की।

यह भी पढ़ें : धुएं व शोर से बचने को घर से उत्तराखंड की वादियों में मना रहे दिवाली

यह भी पढ़ें : दीपावाली के चलते ठंडा रहा चुनाव प्रचार, अब आएगी तेजी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।