पर्यटन विभाग ने कहा, नैनीताल-रानीबाग रोप-वे निर्माण में खतरे की कोई आशंका नहीं nainital news
हाई कोर्ट ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद व राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित नैनीताल-रानीबाग रोप-वे निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 08 Dec 2019 09:03 AM (IST)
नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद व राज्य सरकार की ओर से प्रस्तावित नैनीताल-रानीबाग रोप-वे निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट में पर्यटन विभाग ने शपथ पत्र पेश कर बताया गया कि रोप-वे बनाने से पहले सर्वे किया गया है। रोप-वे कहीं भी बनाए जा सकते हैं। इनके निर्माण से किसी भी तरह के खतरा की आशंका नहीं है।
पर्यावरणविद ने दायर की है याचिका शनिवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में नैनीताल निवासी पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि पर्यटन विकास परिषद व राज्य सरकार द्वारा रानीबाग से नैनीताल के लिए रोप-वे का निर्माण प्रस्तावित है। निहालनाला और बलियानाले के मध्य मनोरा पीक पर निर्माण कार्य होना हैं। दोनों नाले भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अतिसंवेदनशील हैं, लिहाजा यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने तीन सप्ताह में मांगा राज्य सरकार से जवाब
पूर्व में भी हाई कोर्ट ने हनुमानगढ़ी क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने पूर्व में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद व राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा था, लेकिन सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
कम होगी प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्या रानीबाग-हनुमानगढ़ी नैनीताल के बीच 11 किलोमीटर रोपवे बनना प्रस्तावित है। मसूरी-देहरादून रोपवे भी बनाया जाएगा। दोनों रोपवे सरकार और शासन की प्राथमिकता में शामिल है। नैनीताल-रानीबाग रोपवे से सरोवर नगरी में वाहनों का दबाव कम होगा ही, पार्किग की समस्या का भी समाधान हो सकेगा। इससे न केवल नैनीताल-रानीबाग की दूरी 30 मिनट में तय होगी, बल्कि शहर में वाहनों का आवागमन कम होने से जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी और प्रदूषण भी कम होगा। इस प्रोजेक्ट का जिम्मा पोमा प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है।
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