Corbett National Park सावधान! कॉर्बेट नेशनल पार्क के नाम से नकली वेबसाइट बनाकर पर्यटकों से धोखाधड़ी की जा रही है। इस फर्जी वेबसाइट पर कॉर्बेट की असली वेबसाइट की तरह ही एडवांस ऑनलाइन बुकिंग का विकल्प दिया गया है। लेकिन बुकिंग के बाद पर्यटकों को धोखाधड़ी का पता चलता है। इस वेबसाइट पर एलीफेंट सफारी बुकिंग का विकल्प भी दिया गया है जबकि एलीफेंट सफारी पूरी तरह प्रतिबंधित है।
त्रिलोक रावत, जागरण रामनगर। Corbett National Park: कार्बेट नेशनल पार्क में सफारी व नाइट स्टे के लिए एडवांस ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर कुछ एजेंट व टूर आपरेटर पर्यटकों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। इन्होंने अपना टूर पैकेज बेचने के लिए कार्बेट की सरकारी वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट बना ली है। ताकि पर्यटक कार्बेट की असली वेबसाइट समझ बुकिंग कराएं और इनकी कमाई हो सके।
गूगल में ऐसी ही साइट दिखने के बाद कार्बेट प्रशासन साइबर एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी में है।
कार्बेट पार्क में पर्यटकों की एडवांस ऑनलाइन बुकिंग के लिए अधिकृत वेबसाइट (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.कार्बेटऑनलाइन.यूके.जीओवी.इन) है।
यह भी पढ़ें- अब तेजी से निपट सकेंगी पेंशनर की परेशानियां, केवाइसी से लिए नहीं लगाने होंगे चक्कर
कार्बेट की सरकारी वेबसाइट के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट भी एक्टिव है। गूगल सर्च में कार्बेट की सरकारी वेबसाइट की तरह ही डुप्लीकेट वेबसाइट (जिम-कार्बेट-जीओवी.इन) भी मौजूद है। इस वेबसाइट का लिंक क्लिक करते ही जो इंटरफेस खुलता है उसमें कार्बेट नेशनल पार्क रामनगर जिला नैनीताल लिखा आता है।
इंटरफेस में जिप्सी सफारी, कैंटर सफारी, टूर पैकेजेज, फोरेस्ट लाज, होटल एंड रिसार्ट के साथ ही एलीफेंट सफारी बुक करने के का भी विकल्प दिया हुआ है। ऑनलाइन बुकिंग के आवेदन का फार्मेट भी यहां मौजूद है। इसमें बुकिंग के बाद पर्यटकों को धोखाधड़ी का पता चलता है।
बंद हो चुकी है एलीफेंट सफारी
मगर फर्जी वेबसाइट में विकल्प
कार्बेट के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट में एलीफेंट सफारी बुकिंग की सुविधा भी दी गई है। जबकि कार्बेट पार्क में एलीफेंट सफारी पूरी तरह प्रतिबंधित है। पांच साल से कोई भी एलीफेंट सफारी कार्बेट पार्क में नहीं होती है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में अंत्योदय परिवारों के लिए खुशखबरी, 2027 तक मिलेंगे निश्शुल्क रसोई गैस सिलिंडर
जब पर्यटक कार्बेट में एलीफेंट सफारी का विकल्प चुनकर बुकिंग कराते हैं तो उन्हें रामनगर-सल्ट हाईवे के किनारे पाले गए प्राइवेट हाथियों से घुमा दिया जाता है। यही नहीं कई बार फर्जी वेबसाइट में ऑनलाइन भुगतान के बाद भी बुकिंग नहीं मिल पाती है तो पर्यटकों को धनराशि वापस भी नहीं मिल पाती है।
कथित वेबसाइट में पर्यटकों से ऑनलाइन ही उनका नाम, पता, आने-जाने की पूरी डिटेल व धनराशि मांगी जाती है। डिटेल व पैसा मिलने पर एजेंट फिर कार्बेट की सरकारी वेबसाइट में उनकी उस तिथि की बुकिंग करा लेते हैं।
कार्बेट के नाम से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाए जाने की जानकारी सामने आई है। ऐसी वेबसाइट के विरुद्ध साइबर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। पर्यटकों को बरगलाने के लिए वेबसाइट में कार्बेट व जीओवी का उपयोग करने पर भी कार्रवाई की जा रही है। जो भी इनके संचालक हैं उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। -
डा. साकेत बडोला, निदेशक कार्बेट टाइगर रिजर्व
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।