Move to Jagran APP

folk art of kumaon aipan कुमाऊं की पारंपरिक लोक कला ऐपण को पेंटिंग की जुगलबंदी से मिला नया आयाम

पारंपरिक ऐपण कला के साथ पेंटिंग विधा का मिश्रण करने वाली अभिलाषा ने खूबसूरत कल्पनाओं को कैनवास पर उतारकर जीवंत किया है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 30 Oct 2019 09:00 AM (IST)
Hero Image
folk art of kumaon aipan कुमाऊं की पारंपरिक लोक कला ऐपण को पेंटिंग की जुगलबंदी से मिला नया आयाम
हल्द्वानी, जेएनएन : कल्पनाएं सभी के मस्तिष्क में उभरती हैं, लेकिन उसे साकार कुछ ही लोग कर पाते हैं। मगर जो कर पाते हैं, उनका काम दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाता है। ऐपण कला को नया आयाम देने वाली हल्द्वानी की अभिलाषा इसी प्रेरणा का नाम हैं। पारंपरिक ऐपण कला के साथ पेंटिंग विधा का मिश्रण करने वाली अभिलाषा ने खूबसूरत कल्पनाओं को कैनवास पर उतारकर जीवंत किया है।

रामपुर रोड स्थित प्रेम विहार कॉलोनी में रहने वाली अभिलाषा पालीवाल (30) ऐपण विधा के जरिये उत्तराखंडी लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने में जुटी हैं। अभिलाषा को ऐपण पेटिंग के साथ हाथ से निर्मित क्राफ्ट, पारंपरिक आर्ट, वुडन पेंटिंग व कैनवास पेंटिंग बनाने में महारथ है। उनकी पेटिंग में उत्तराखंडी पारंपरिक वाद्ययंत्र, पहाड़ का लोक जीवन, वेशभूषा के साथ देवी-देवताओं के चित्र शामिल होते हैं। इंस्टाग्राम के जरिये लोगों में पहचान बनाने वाली अभिलाषा को अब पेटिंग के लिए डिमांड भी आने लगी है।

फैशन डिजाइनिंग का मिला लाभ

ग्रेजुएशन करने के बाद अभिलाषा ने देहरादून से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया। वहां ड्रेस डिजाइनिंग की बारीकी सीखी। अभिलाषा कहती हैं कि बैग पर ऐपण उकेरने का प्रयोग लोगों का काफी पसंद आ रहा है। अभिलाषा ने जनवरी में काम शुरू किया। दस माह में ही लोगों से पेंटिंग की डिमांड आने लगी। अभिलाषा ने लोगों की डिमांड पर आकर्षक ऐपण पेंटिंग तैयार कर लोगों को देना शुरू कर दिया है। अभिलाषा कहती हैं कि पति अमित पालीवाल ने उन्हें कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया। अमित अकाउंटेंट हैं और हल्द्वानी में जॉब करते हैं।

यह भी पढ़ें : दीप पर्व पर पटाखे की बजाय पौधे करें गिफ्ट, आतिशबाजी करते समय रखें इन बातों का ख्याल

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।