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परिवहन विभाग की लापरवाही: नौ लग्जरी बसें तीन माह से खड़ीं, यात्री परेशान, राजस्‍व का भी हो रहा नुकसान

दिसंबर में पांच वाल्वो व चार एसी बसों का अनुबंध समाप्त हो गया था। पर मुख्यालय ने न तो इनकी अनुबंध सीमा बढ़ाई और न ही अभी तक किसी अन्य कंपनी से नया करार किया।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 23 Mar 2019 08:41 PM (IST)
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परिवहन विभाग की लापरवाही: नौ लग्जरी बसें तीन माह से खड़ीं, यात्री परेशान, राजस्‍व का भी हो रहा नुकसान
हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड रोडवेज की हाईटेक बसों में आराम से सफर करने का इंतजार तीन माह बाद भी खत्म नहीं हुआ। दिसंबर में पांच वाल्वो व चार एसी बसों का अनुबंध समाप्त हो गया था। पर मुख्यालय ने न तो इनकी अनुबंध सीमा बढ़ाई और न ही अभी तक किसी अन्य कंपनी से नया करार किया। वहीं इसका फायदा यूपी रोडवेज की बसें उठा रही हैं। दिल्ली रूट पर संचालित यूपी रोडवेज की एसी व वाल्वो बस रोजाना पैक होकर निकलती हैं। नैनीताल रीजन में शामिल नौ डिपो के पास 426 बसों का बेड़ा है। काठगोदाम डिपो से नौ वाल्वो व छह एसी बसें चलती हैं। यह बसें दिल्ली व दून मार्ग पर चलती थीं, जहां सवारियों की संख्या सबसे ज्यादा है। 31 दिसंबर को नौ हाईटेक बसों का अनुबंध खत्म हो गया। अब दिल्ली रूट पर चार वाल्वो, एक एसी दून व दूसरी दिल्ली रोड पर चल रही हैं। वहीं यूपी रोडवेज की जनरथ (एसी) वाल्वो व पिंक सिटी (एसी) हल्द्वानी से रोजाना फुल होकर निकल रही है। अनुबंध में देरी के चलते रोडवेज को घाटा भी उठाना पड़ रहा है।

यूपी की बस का 96 रुपये किराया कम

एसी बसों की तुलना करें तो यूपी रोडवेज की बस का किराया उत्तराखंड की तुलना में कम है। यूपी की नई पिंक सिटी बस का दिल्ली तक का किराया 490 व उत्तराखंड एसी का 586 है। कम किराया व सुविधाएं समान होने से यात्री बाहरी बस में सीट तलाश रहे हैं। इंदिरा जंगपांगी, एआरएम काठगोदाम डिपो के अनुसार दिसंबर में पुरानी कंपनी से करार समाप्त हो गया था। काठगोदाम डिपो के पास सिर्फ इन हाईटेक बसों के संचालन का जिम्मा है। अनुबंध को लेकर फैसला निगम मुख्यालय ही लेगा।

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