कैलास यात्रा के दौरान पल-पल मिलेगी मौसम की जानकारी, अपडेट मिलने पर तय होगी यात्रा
कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान यात्रियों को मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। उत्तराखंड में 12 जून से यात्रा शुरू होगी और दस सितंबर तक चलेगी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 06 May 2019 10:36 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान यात्रियों को मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। उत्तराखंड में 12 जून से यात्रा शुरू होगी और दस सितंबर तक चलेगी। जून के तीसरे व अंतिम सप्ताह में ही प्रदेश में मानसून का प्रवेश होता है। इसके अलावा स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियां व पर्यावरण के कारण भी हिमालयी क्षेत्रों में मौसम पल-पल बदलता रहता है। बदलते मौसम में यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए राज्य मौसम विज्ञान केंद्र यात्रा मार्ग पर पडऩे वालों प्रमुख पड़ावों में प्रतिदिन मौसम अपडेट व पूर्वानुमान जारी करेगा। जिसके अनुसार ही कुमाऊं मंडल विकास निगम मौसम के पैदल मार्ग पर यात्रा जारी रखने, यात्रियों के रुकने की व्यवस्था करेगा।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में बदलता रहता है मौसम
दिल्ली से आरंभ होने वाली 25 दिन की कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान छठे दिन यात्रियों को अल्मोड़ा से धारचूला पहुंचना होता है। अल्मोड़ा से धारचूला तक 220 किलोमीटर की यात्रा बस से करवाई जाती है। इसके बाद यात्रियों को आधार शिविर धारचूला से तवाघाट, मांगती, बूंदी तक वाहनों से पहुंचना होता है। यात्रा दल को नेपाल क्षेत्र में लगभग ढाई से तीन किमी की दूरी पैदल तय कर काली नदी पार करनी होती है। यात्रा के 14वें दिन यात्री तकलाकोट पहुंचते हैं। जहां कैलास मानसरोवर यात्रा का आधार शिविर होता है। इस पूरी यात्रा के दौरान यात्रियों को उच्च हिमालयी क्षेत्र से पैदल, वाहन व घोड़े से यात्रा करनी होती है। इन इलाकों में मैदानों की अपेक्षा मौसम पल-पल रंग बदलता रहता है। प्रतिदिन जारी किया जाएगा अपडेट
विक्रम सिंह, निदेशक, राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि मानसरोवर यात्रा के दौरान प्रदेश में मानसून की दस्तक भी लगभग हो जाती है। ऐसे में 12 जून से पहले ही मौसम विभाग मानसरोवर यात्रा के आरंभ होने से लेकर समापन तक प्रति दिन विशेष अपडेट जारी करेगा।
दिल्ली से आरंभ होने वाली 25 दिन की कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान छठे दिन यात्रियों को अल्मोड़ा से धारचूला पहुंचना होता है। अल्मोड़ा से धारचूला तक 220 किलोमीटर की यात्रा बस से करवाई जाती है। इसके बाद यात्रियों को आधार शिविर धारचूला से तवाघाट, मांगती, बूंदी तक वाहनों से पहुंचना होता है। यात्रा दल को नेपाल क्षेत्र में लगभग ढाई से तीन किमी की दूरी पैदल तय कर काली नदी पार करनी होती है। यात्रा के 14वें दिन यात्री तकलाकोट पहुंचते हैं। जहां कैलास मानसरोवर यात्रा का आधार शिविर होता है। इस पूरी यात्रा के दौरान यात्रियों को उच्च हिमालयी क्षेत्र से पैदल, वाहन व घोड़े से यात्रा करनी होती है। इन इलाकों में मैदानों की अपेक्षा मौसम पल-पल रंग बदलता रहता है। प्रतिदिन जारी किया जाएगा अपडेट
विक्रम सिंह, निदेशक, राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि मानसरोवर यात्रा के दौरान प्रदेश में मानसून की दस्तक भी लगभग हो जाती है। ऐसे में 12 जून से पहले ही मौसम विभाग मानसरोवर यात्रा के आरंभ होने से लेकर समापन तक प्रति दिन विशेष अपडेट जारी करेगा।
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