कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन मेहरा ने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा
प्रदेश सरकार के दो मंत्री कांग्रेस के बागी और तीसरे मोर्चें के सदस्यों से मुलाकात करने अल्मोड़ा पहुंचे। जहां सर्किट हाउस में बंद कमरे में दोनों गुटों के बीच करीब बीस मिनट तक बातचीत
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 07 Nov 2019 11:57 AM (IST)
अल्मोड़ा, जेएनएन : कांग्रेस पार्टी के वर्षों पुराने नेता मोहन सिंह मेहरा ने आखिरकार भाजपा का दामन थाम ही लिया। गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जिले के भ्रमण पर अल्मोड़ा पहुंचे और सर्किट हाउस में उन्होंने मोहन सिंह मेहरा को समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता दिलाई। पूर्व जिपं अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा ने कहा कि वह भाजपा को जिला पंचायत चुनावों में अपना समर्थन देंगे। उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत और बाल विकास मंत्री रेखा आर्या मोहन सिंह मेहरा से बातचीत करने के लिए अल्मोड़ा पहुंचे थे। जिसके बाद गुरुवार को सीएम के यहां आने के बाद स्थिति अब साफ हो गई है।
कांग्रेस पार्टी से द्वाराहाट के पूर्व विधायक मदन बिष्ट की पत्नी को उमा बिष्ट को जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिए जाने के बाद से कांग्रेस पार्टी में घमासान चल रहा था। पूर्व जिपं अध्यक्ष रहे मोहन सिंह मेहरा के पुत्र सुरेंद्र ने तीसरे मोर्चें का गठन कर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करा लिया था। तीसरा मोर्चा अपने पास आठ सदस्यों के होने का दावा कर रहा था। लेकिन तीसरे मोर्चें ने किसी भी दल को समर्थन देने की हामी नहीं भरी। जिससे कांग्रेस और भाजपा में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। बुधवार को तीसरे मोर्चें को मनाने के लिए प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत और बाल विकास मंत्री रेखा आर्या अल्मोड़ा पहुंचे और उन्होंने तीसरे मोर्चें के पदाधिकारियों व पूर्व जिपं अध्यक्ष रहे मोहन सिंह मेहरा से बंद कमरे में बातचीत की। पार्टी सूत्रों की मानें तो पूर्व अध्यक्ष को भाजपा नेताओं ने भाजपा को समर्थन देने के लिए मनाने की काफी कोशिश की। लेकिन वार्ता के बाद पूर्व जिपं अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा ने इस मामले में किसी से कोई बातचीत नहीं की। इधर भाजपा नेताओं का कहना है कि तीसरे मोर्चें के सदस्यों के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में वार्ता हुई है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। सूत्रों की मानें तो भाजपा नेताओं ने तीसरे मोर्चें के नेताओं के सामने राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने और विधानसभा चुनावों में टिकट देने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि गुरुवार को जिपं पंचायत के चुनाव नतीजे ही आगे का रास्ता तय करेंगे।
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