अस्पताल प्रशासन व दो अन्य लोगों पर पति की किडनी निकालने का आरोप, मौत
मुखानी चौराहा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत के बाद सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन व दो लोगों पर मिलीभगत कर किडनी निकालने का आरोप लगाया।
By Edited By: Updated: Tue, 22 Jan 2019 07:38 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : मुखानी चौराहा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत के बाद सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन व दो लोगों पर मिलीभगत कर किडनी निकालने का आरोप लगाया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बमुश्किल लोगों को शांत कराया। मामला संदिग्ध होने की वजह से पुलिस मंगलवार को शव का पैनल पोस्टमार्टम कराएगी।
देवलचौड़ बंदोबस्ती निवासी नरेंद्र रावत पुत्र लाल सिंह रावत की मुखानी के पास कपड़ों की दुकान है। बीते शनिवार को हालत बिगड़ने पर एक महिला व पुरुष ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां दोनों ने नरेंद्र को अपना भाई बताया। किडनी में काफी संक्रमण होने पर जांच के बाद रविवार सुबह यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजय ने मरीज का ऑपरेशन किया। वहीं, तबियत बिगड़ने पर सोमवार सुबह मरीज की मौत हो गई। जिसके बाद परिजन व गांव वालों ने मौके पर पहुंच हंगामा खड़ा कर दिया।
मृतक की पत्नी दीपा व भाई सुनील ने आरोप लगाया कि अस्पताल में भर्ती कराने वाली महिला व पुरुष का परिवार से कोई संबंध नहीं है। बगैर परिजनों की अनुमति के अस्पताल प्रशासन ने ऑपरेशन कर दिया। दीपा ने अस्पताल प्रशासन पर षड़यंत्र के तहत पति की किडनी निकालने का भी आरोप लगाया। लोगों के एकजुट होने पर हीरानगर चौकी प्रभारी निर्मल लटवाल और मुखानी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद हंगामा करने वाले लोगों को शांत कराया गया। इधर, परिजनों ने किडनी निकालने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर सौंपी। अब आज पैनल पोस्टमार्टम होने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
देवलचौड़ बंदोबस्ती निवासी नरेंद्र रावत पुत्र लाल सिंह रावत की मुखानी के पास कपड़ों की दुकान है। बीते शनिवार को हालत बिगड़ने पर एक महिला व पुरुष ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां दोनों ने नरेंद्र को अपना भाई बताया। किडनी में काफी संक्रमण होने पर जांच के बाद रविवार सुबह यूरोलॉजिस्ट डॉ. संजय ने मरीज का ऑपरेशन किया। वहीं, तबियत बिगड़ने पर सोमवार सुबह मरीज की मौत हो गई। जिसके बाद परिजन व गांव वालों ने मौके पर पहुंच हंगामा खड़ा कर दिया।
मृतक की पत्नी दीपा व भाई सुनील ने आरोप लगाया कि अस्पताल में भर्ती कराने वाली महिला व पुरुष का परिवार से कोई संबंध नहीं है। बगैर परिजनों की अनुमति के अस्पताल प्रशासन ने ऑपरेशन कर दिया। दीपा ने अस्पताल प्रशासन पर षड़यंत्र के तहत पति की किडनी निकालने का भी आरोप लगाया। लोगों के एकजुट होने पर हीरानगर चौकी प्रभारी निर्मल लटवाल और मुखानी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद हंगामा करने वाले लोगों को शांत कराया गया। इधर, परिजनों ने किडनी निकालने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर सौंपी। अब आज पैनल पोस्टमार्टम होने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
घर कम जाता था नरेंद्र
परिजनों के मुताबिक नरेंद्र ने लंबे समय से घर आना जाना कम कर दिया था। दिन में कभी वह बेटी भूमिका व बेटे आयुष से मिलने आता था। बताया जा रहा है कि पारिवारिक अनबन की वजह से दूरियां बढ़ गई थी। पुलिस ने महिला व चिकित्सक के बयान दर्ज
हंगामे के बाद अस्पताल पहुंची पुलिस ने चिकित्सकों के अलावा उस महिला से भी पूछताछ की जिसने खुद को बहन बताते हुए नरेंद्र को भर्ती कराया था। वहीं, एसओ नंदन रावत ने बताया कि भर्ती कराने वाली महिला मृतक की पड़ोसी थी। बताया जा रहा है कि साथ आया व्यक्ति महिला का भाई था। हालांकि घटना के बाद वह गायब हो गया।
परिजनों के मुताबिक नरेंद्र ने लंबे समय से घर आना जाना कम कर दिया था। दिन में कभी वह बेटी भूमिका व बेटे आयुष से मिलने आता था। बताया जा रहा है कि पारिवारिक अनबन की वजह से दूरियां बढ़ गई थी। पुलिस ने महिला व चिकित्सक के बयान दर्ज
हंगामे के बाद अस्पताल पहुंची पुलिस ने चिकित्सकों के अलावा उस महिला से भी पूछताछ की जिसने खुद को बहन बताते हुए नरेंद्र को भर्ती कराया था। वहीं, एसओ नंदन रावत ने बताया कि भर्ती कराने वाली महिला मृतक की पड़ोसी थी। बताया जा रहा है कि साथ आया व्यक्ति महिला का भाई था। हालांकि घटना के बाद वह गायब हो गया।
सेप्टीसीमिया से मरीज की मौत
निदेशक मरीज का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक/निदेशक ने बताया कि पहले एसटीएच व एक अन्य निजी अस्पताल में भी उपचार हुआ था। गंभीर हालत में उसे वहां लाया गया। किडनी में संक्रमण था। किडनी में पस भर गया था। ऑपरेशन के दौरान नैफक्टमी करनी पड़ी। यानी एक किडनी को निकालना पड़ा। इसे जांच के लिए परिजनों को दे दिया था। डायग्नोस्टिक सेंटर में हिस्टोपैथोलॉजी के लिए खराब किडनी को भेजा गया था, ताकि इससे जुड़ी अन्य बीमारियों का पता चल सके। इसकी पूरी रिपोर्ट उनके पास है। मरीज की मौत का कारण सेप्टीसीमिया है। मरीज की जान खतरे में थी। इसलिए केवल 10 हजार जमा करने पर ही उसका ऑपरेशन कर दिया। जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं यह निराधार हैं। पूरी रिपोर्ट परिजनों व पुलिस को दे दी गई है।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।निदेशक मरीज का ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक/निदेशक ने बताया कि पहले एसटीएच व एक अन्य निजी अस्पताल में भी उपचार हुआ था। गंभीर हालत में उसे वहां लाया गया। किडनी में संक्रमण था। किडनी में पस भर गया था। ऑपरेशन के दौरान नैफक्टमी करनी पड़ी। यानी एक किडनी को निकालना पड़ा। इसे जांच के लिए परिजनों को दे दिया था। डायग्नोस्टिक सेंटर में हिस्टोपैथोलॉजी के लिए खराब किडनी को भेजा गया था, ताकि इससे जुड़ी अन्य बीमारियों का पता चल सके। इसकी पूरी रिपोर्ट उनके पास है। मरीज की मौत का कारण सेप्टीसीमिया है। मरीज की जान खतरे में थी। इसलिए केवल 10 हजार जमा करने पर ही उसका ऑपरेशन कर दिया। जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं यह निराधार हैं। पूरी रिपोर्ट परिजनों व पुलिस को दे दी गई है।
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