पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम पर जारी करते थे फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, बिहार के दो फ्रॉड गिरफ्तार
ऋषिकेश में नौकरी दिलाने के नाम पर कुमाऊं के दो दर्जन से अधिक युवाओं को ठगी का शिकार बनाने वाले बिहार के दो युवाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 19 Feb 2020 07:09 PM (IST)
पिथौरागढ़, जेएनए : ऋषिकेश में नौकरी दिलाने के नाम पर कुमाऊं के दो दर्जन से अधिक युवाओं को ठगी का शिकार बनाने वाले बिहार के दो युवाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए युवाओं ने दो करोड़ से अधिक की ठगी की थी। गिरफ्तार युवाओं को न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है। दाेनों ठग वाट्सएप पर युवकों के साथ दोस्ती कर उन्हें झांसे में लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर रुपए ऐेंठते थे। इसके बाद ऑफर लेटर बकायता पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के फर्जी लेटर पैड पर नियुक्ति पत्र जारी करते थे।
दो दर्जन से अधिक युवकों के साथ की ठगी ऋषिकेश एम्स में फार्मासिस्ट और जेएनएम पद पर नियुक्ति के नाम पर कुमाऊं मंडल के दो दर्जन से अधिक युवाओं को ठगी का शिकार बना लिया गया था। ठगी के इस मामले में हिमांशु पोखरिया ने पिथौरागढ़ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में तीन फरवरी को खटीमा निवासी गिरीश चंद को गिरफ्तार किया था। इस युवक से हुई पूछताछ के बाद पुलिस ने ठगों के नेटवर्क का पता लगाया। पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शिनी के निर्देश पर पिथौरागढ़ कोतवाल ओपी शर्मा, नाचनी के थाना प्रभारी दीपक बिष्ट, कांस्टेबल पंकज वर्मा, भुवन पांडे और देशराज की टीम गठित की गई थी।
हल्द्वानी, लखनऊ और बिहार में पुलिस की दबिश टीम ने सरगनाओं को दबोचने के लिए हल्द्वानी, लखनऊ और बिहार में दबिश दी। इससे घबराए सरगना न्यायालय में समर्पण के लिए पिथौरागढ़ पहुंच गए। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने लाशघर रोड से जावेद पुत्र मुकीम निवासी गोपालगंज, बिहार और राजकुमार पुत्र शंभु प्रताप निवासी पटना, बिहार को दबोच लिया। दोनों युवक पूर्व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के फर्जी हस्ताक्षर कर नियुक्ति पत्र जारी करते थे। पुलिस ने दोनों के खिलाफ ठगी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। ठगों को न्यायालय के समक्ष पेश करने की कार्रवाई चल रही है।
सूट-बूट और इनोवा गाड़ी से पहुंचते थे ऋषिकेशकुमाऊं क्षेत्र के युवाओं का ठगी का शिकार बनाने वाले बिहार के दोनों युवाओं ने लंबी साजिश कर ठगी को अंजाम दिया। स्नातक तक पढ़े इन युवाओं ने वाट्सएप पर कुमाऊं के युवाओं से दोस्ती की और फिर एक-एक कर बेरोजगारों युवाओं को जाल में फंसाते चले गए। वाट्सएप के जरिए शुरू की दोस्ती बिहार के जावेद और राजकुमार ने करीब एक वर्ष पूर्व कुमाऊं के युवाओं से वाट्सएप पर दोस्ती शुरू की। बातचीत में युवाओं की बेरोजगारी का पता इन्हें लगा। दोनों ने इसी का फायदा उठाया और ऋषिकेश एम्स में फार्मासिस्ट और जीएनएम पद पर तैनाती का झांसा दिया। बेरोजगार इनके चाल में फंसते चले गए। पैसा देने के बाद भी जब नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने कुछ युवाओं को ऋषिकेश भी बुला लिया।
ऋषिकेश बुलाकर कैंपस के बाहर कराते घंटो इंतजार ऋषिकेश एम्स कैंपस के बाहर वे युवाओं को बाहर इंतजार कराते। बिहार से दोनों युवा मुरादाबाद तक आते और यहां से इनोवा जैसी महंगी गाड़ी बुक कराकर ऋषिकेश पहुंचते। इस दौरान वे सूट-बूट और टाई में होते ताकि किसी को उन पर शक न हो। अस्पताल के बाहर बैठे युवाओं को बाहर ही रखकर वे खुद अस्पताल के भीतर जाते और घूम फिरकर वापस लौट आते। बेरोजगारों को बताया जाता कि बातचीत हो चुकी है, शीघ्र ही उन्हें तैनाती मिल जाएगी।
जेपी नड्डा के लेटर पैड पर जारी करते थे नियुक्ति पत्र इसके बाद युवाओं को पूर्व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के लेटर पैड पर एम्स के निदेशक को संबंधित युवा को नियुक्ति देने का फर्जी पत्र सौंपा जाता। युवाओं को इसी तरह कई-कई माह तक लटकाया जाता। इस बीच पिथौरागढ़ में ठगी का शिकार हुए एक युवक द्वारा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दिए जाने से मामला पुलिस की निगाह में आ गया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नेटवर्क का खुलासा कर लिया। ठगों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को पकड़े गए युवाओं ने पूछताछ मे बताया कि उन्होंने युवाओं से वसूली गई रकम प्रॉपर्टी में निवेश कर दी है।
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