यूकेएसएसएससी अब ऑनलाइन कराएगा परीक्षा, समूह की ग की परीक्षाओं में लागू होगा नियम
त्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने डिजिटल इंडिया की ओर कदम बढ़ाते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं को अब ऑनलाइन करवाने की पहल शुरू कर दी है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 14 Nov 2018 10:57 AM (IST)
गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने डिजिटल इंडिया की ओर कदम बढ़ाते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं को अब ऑनलाइन करवाने की पहल शुरू कर दी है। इसके लिए बकायदा प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। फिलहाल यह नियम समूह ग से जुड़ी परीक्षाओं में ही लागू होगा। पूरी संभावना है कि चार-पांच माह के भीतर नया पैटर्न लागू हो जाएगा।
यूकेएसएसएससी की ओर से सरकारी विभागों में रिक्त पदों के लिए परीक्षा करवाई जाती है। आवेदन मांगने से लेकर परीक्षा संपन्न करवाने में लंबा समय लग जाता है। इसमें मानव संसाधन के साथ ही खर्च भी अधिक लगता है। समय व धन को बचाने के लिए आयोग लिखित परीक्षा की जगह ऑनलाइन फार्मेट में परीक्षा करवाने की पहल करने में जुट गया है। आयोग के मुताबिक ऑनलाइन तरीका सभी के लिए फायदेमंद है। उम्मीद है कि चार-पांच माह के भीतर यह पैटर्न लागू हो जाएगा।ग्रेजुएट योग्यता वाली परीक्षाओं में नियम
समूह ग के तहत चपरासी व अन्य कम शैक्षिक योग्यता वाले पदों का एग्जाम भी होता है। हालांकि ऑनलाइन फार्मेट का नियम उन परीक्षाओं में लागू होगा, जिनमें शैक्षिक योग्यता का पैमाना कम से कम ग्रेजुएट निर्धारित किया जाता है। 12वीं तक की योग्यता वाले एग्जाम लिखित तरीके से होंगे।
पहाड़ के युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
वर्तमान में सभी जगह इंटरनेट की मौजूदगी है। हालांकि पहाड़ में कई दूरस्थ इलाके ऐसे है, जहां इंटरनेट सेवा पूरी तरह कारगर नहीं है। ऐसे में युवाओं को ऑनलाइन पैटर्न समझाने के लिए बकायदा बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। शासन स्तर से इसे प्रचारित भी करवाया जाएगा। ताकि कोई भी समूह ग की परीक्षा में बैठने से वंचित न रह जाए।
चार-पांच माह में लागू हाे सकता है नियम
संतोष बडोनी, सचिव यूकेएसएसएससी ने बताया कि आयोग लंबे समय से पैटर्न बदलाव पर काम कर रहा है। ऑनलाइन परीक्षा होने से अभ्यर्थी को सहूलियत होगी। चार-पांच माह के भीतर नियम लागू हो सकता है।ऑनलाइन परीक्षा के फायदे
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- लिखित परीक्षा में धांधली की शिकायतों पर काफी हद तक लगाम लगेगी
- समय बचने के साथ मानव संसाधनों की अनिवार्यता कम होगी
- परीक्षा की गोपनीयता बरकरार रहेगी
- गलती पर ओएमआर शीट बदलने का झंझट खत्म
- अक्सर प्रश्नपत्र की प्रिंटिंग में होने वाली गलतियों से निजात मिलेगी