आरटीजीएस के लिए आने वाले लाखों के चेक गायब करता था उत्तर प्रदेश का गैंग, जानें पूरा मामला
आरटीजीएस के लिए बैंकों में आए लाखों के चेक को गायब कराकर रकम निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना उप्र के एक गांव का प्रधान निकला।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 06 May 2019 01:04 PM (IST)
काशीपुर, जेएनएन : आरटीजीएस के लिए बैंकों में आए लाखों के चेक को गायब कराकर रकम निकालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना उप्र के एक गांव का प्रधान निकला। कुर्मांचल बैंंक से डेढ़ लाख के चेक की रकम निकालते समय गिरफ्तार हुए आरोपित ने पुलिस पूछताछ में यह राज उगला। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जबकि गिरफ्तार आरोपित को कोर्ट में पेश किया।
शनिवार को करीब डेढ़ बजे नगर की प्रतिष्ठित फर्म रॉकी टेंट हाउस का डेढ़ लाख का चेक आरटीजीएस के लिए माता मंदिर रोड स्थित कुर्मांचल बैंक में दिया गया था। बैंक में मौजूद एक व्यक्ति ने कैशियर व बैंक अधिकारियों की निगाहों से बचाकर चेक पर हाथ साफ कर दिया। रविवार को एएसपी डॉ. जगदीश चंद्र ने कोतवाली में खुलासा करते हुए बताया कि आरोपित का नाम राजकुमार पुत्र नोखेलाल निवासी ग्राम नारायण ठएर, थाना बरखेड़ा, जिला पीलीभीत (उप्र) है। पूछताछ में आरोपित ने अपने चार अन्य साथियों महेंद्र सिंह पुत्र सुखलाल निवासी जिरोनिया, थाना बरखेड़ा, जिला पीलीभीत (उप्र), रणवीर ङ्क्षसह पुत्र रामचरण निवासी ग्राम आमखेड़ा, थाना गजरौला पीलीभीत (उप्र), पवन पुत्र प्रेम चंद्र निवासी मलिका थाना बिलसंडा पीलीभीत (उप्र) और लाडी पुत्र नामालूम निवासी एकता नगर कॉलोनी पीलीभीत (उप्र) के नाम भी उजागर किए हैं। गैंग का सरगना महेंद्र सिंह पुत्र सुखलाल निवासी जिरोनिया, थाना बरखेड़ा, जिला पीलीभीत (उप्र) है, जो जिरोनिया गांव का प्रधान भी है। पांचों आरोपित अभी तक काशीपुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, सेंट्रल बैंक, पीएनबी और प्रथमा बैंक से 15.60 लाख रुपये की रकम धोखाधड़ी कर निकाल चुके हैं। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दबिशें दी जा रही हैं। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस तरह काम को अंजाम देते थे आरोपित
राजकुमार बरखेड़ा स्थित इलाहाबाद बैंक में अभिकर्ता है। वह आवासीय, किसान क्रेडिट कार्ड व भैंस लोन आदि दिलाता था। सभी साथी बैंक में जाते हैं। राजकुमार काउंटर पर ग्राहक से यह कहकर चेक ले लेता था कि उसे भी अपना आरटीजीएस का चेक भरना है। दूसरा साथी काउंटर पर बैठे बैंक कर्मी को बातों में लगाता है। चेक को चोरी कर बाहर ले जाते थे। इसके बाद वह चेक पर लिखे योर सेल्फ के स्थान पर संपादन कर अपने नाम या फर्म के नाम पर चेक का भुगतान ले लेते थे। नाम का आधार कार्ड बैंक में चेक के साथ लगाकर धनराशि प्राप्त करते थे। आरोपित आधार कार्ड को स्कैन कर उसी नाम का बना लेते थे।
हल्द्वानी के पीएनबी बैंक से चोरी के चेक को दिनेशपुर में कराया कैश
आरोपित अभी तक काशीपुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक से 5.20 लाख, सेंट्रल बैंक ऑफ काशीपुर से 2.70 लाख, पंजाब नेशनल बैंक हल्द्वानी से 4.20 लाख और प्रथमा बैंक, ठाकुरद्वारा मुरादाबाद (उप्र) से 3.50 लाख रुपये निकाल चुके हैं। हल्द्वानी से चोरी किए चैक को आरोपितों ने दिनेशपुर में कैश किया था। ठाकुरद्वारा को छोड़कर सभी मामलों में मुकदमा पंजीकृत है।
दिसंबर में राजकुमार गैंग में शामिल हुआ गिरफ्तार आरोपित राजकुमार ने बताया कि वह इस गैंग में दिसंबर से शामिल हुआ है। जबकि पिछले दो साल से गैंग सक्रिय है। उसकी गुलडिय़ा रुद्रपुर में रिश्तेदारी है। वहां पर वह दो साल पहले शादी में शामिल होने के लिए आया था। गैंग में शामिल होने के बाद उसने उत्तराखंड में इस काम को करने की सलाह दी थी।
टोल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई कार शनिवार को घटना को अंजाम देने के लिए सभी आरोपित काशीपुर पहुंचे थे। इनमें से तीन आरोपित बैंक के अंदर गए थे। चेक से रकम निकालने का प्रयास करते समय बैंक कर्मियों ने राजकुमार को पकड़ लिया था। जबकि दो फरार हो गए थे। पुलिस ने आरोपित से पूछताछ की तो वह राज खोलने से बचता रहा। जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की जांच पड़ताल की, तो आरोपितों की कार किच्छा स्थित लालपुर टोल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जिसमें अन्य चारों आरोपित सवार थे। पूछताछ के बाद सभी के नाम पता चल सके।
आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित डॉ. जगदीश चंद्र, एएसपी काशीपुर ने बताया कि अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है। पुलिस ने रात में ही गिरफ्तारी के लिए दबिशें दीं, लेकिन आरोपित फरार हो गए। जल्द ही अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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