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Uttarakhand News: फावड़े-बुलडोजर की मार से टूटीं 84 सड़कों को चाहिए इलाज, पर जल संस्थान ने रोक रखा काम

जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था और मजबूत किया जा रही है। लाइनों का जाल बिछाने के लिए सड़कें खोइी गई हैं। लोनिवि के अनुसार गौलापार से चोरगलिया तक उसके स्वामित्व वाली 84 सड़कों पर जल संस्थान को एक साल पूर्व काम की अनुमति दी गई थी। इन खराब सड़कों को लोनिवि तभी सुधारेगा जब जल संस्थान अनापत्ति प्रमाणपत्र देगा।

By govind singh Edited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 16 Jan 2024 08:16 AM (IST)
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Uttarakhand News: फावड़े-बुलडोजर की मार से टूटीं 84 सड़कों को चाहिए इलाज, पर जल संस्थान ने रोक रखा काम
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। गौलापार से चोरगलिया तक 84 अलग-अलग सड़कों को मरम्मत की जरूरत है। जल जीवन मिशन के तहत जल संस्थान ने काम के लिए लोनिवि से अनुमति लेकर इन्हें खोदा था। फावड़े तो कहीं बुलडोजर से सड़कें खोदी गईं। इन खराब सड़कों को लोनिवि तभी सुधारेगा, जब जल संस्थान अनापत्ति प्रमाणपत्र देकर बताएगा कि अब उसका काम पूरा हो चुका है। भविष्य में सड़क नहीं खोदी जाएगी। 

जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था और मजबूत किया जा रही है। लाइनों का जाल बिछाने के लिए सड़कें खोइी गई हैं। लोनिवि के अनुसार, गौलापार से चोरगलिया तक उसके स्वामित्व वाली 84 सड़कों पर जल संस्थान को एक साल पूर्व काम की अनुमति दी गई थी।

इसमें किशनपुर रैक्वाल, लक्षमपुर, जगनाली, लाखनमंडी, चोरगलिया बाजार से हनुमान मंदिर समेत अन्य मार्ग शामिल हैं। नियमानुसार काम पूरा होने पर जल संस्थान लोनिवि को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देगा। यानी अब इसे जेजेएम के लिए सड़क की जरूरत नहीं है। इसके अलावा रोड कटिंग का पैसा भी जमा करना होगा। वहीं, सड़के टूटी होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शासन से सात करोड़ मिले लेकिन जल संस्थान से एनओसी नहीं

लोनिवि के अनुसार गौलापार-चोरगलिया क्षेत्र में सड़कों से जुड़े अलग-अलग प्रस्तावों के लिए उसे शासन से सात करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति मिली है। 52 किमी दायरे में सड़कें ठीक की जाएगी। जल संस्थान ने इन जगहों पर भी काम शुरू किया था, मगर अभी तक 17 किमी हिस्से में काम पूरा होने के बाद उसे एनओसी दी है। हालांकि, ठंड में डामर सेट न होने के कारण एक माह तक लोनिवि के लिए काम करना संभव नहीं है।

असल चौड़ाई के हिसाब से बनें सड़कें

गौलापार की लक्षमपुर ग्राम पंचायत में भी जेजेएम के काम के लिए सड़क खोदी गई है। स्थानीय समाजसेवी प्रकाश पांडे ने बताया कि मरम्मत से पहले दस्तावेज के हिसाब से लोनिवि को सड़क की चौड़ाई नापनी चाहिए। इस हिसाब से सड़क बनी तो ज्यादा चौड़ी होगी। हालांकि, इसके लिए कई जगहों पर अतिक्रमण भी हटाना पड़ सकता है।

जल संस्थान ने जेजेएम से जुड़े कामों के लिए सड़कें खोदी थीं। लोनिवि काम पूरा होने की एनओसी लेने के बाद ही सड़कें ठीक करेगा, ताकि छूटे काम के चक्कर में दोबारा खोदने की जरूरत न पड़े।  - अशोक कुमार, अधिशासी अभियंता, लोनिवि

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