अतिक्रमण मामले में कार्रवाई के विरोध में आठ को उत्तराखंड बंद का आह्वान, बार काउंसिल ने पारित किया प्रस्ताव
उत्तराखंड में नेशनल हाइवे स्टेट हाईवे सहित अन्य सड़कों-नदियों के किनारे अतिक्रमण हटाने के हाई कोर्ट के आदेश की प्रशासनिक स्तर पर की जा रही मनमानी व्याख्या और दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में उत्तराखंड बार काउंसिल ने आठ सितंबर को प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया है। इस बंद को सफल बनाने के लिए व्यापारिक सहित अन्य आंदोलनकारी संगठनों का सहयोग लिया जाएगा।
By kishore joshiEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 05 Sep 2023 04:46 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नैनीताल: राज्य में नेशनल हाइवे, स्टेट हाईवे सहित अन्य सड़कों-नदियों के किनारे अतिक्रमण हटाने के हाई कोर्ट के आदेश की प्रशासनिक स्तर पर की जा रही मनमानी व्याख्या और दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में उत्तराखंड बार काउंसिल ने आठ सितंबर को प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया है। इस बंद को सफल बनाने के लिए व्यापारिक सहित अन्य आंदोलनकारी संगठनों का सहयोग लिया जाएगा।
बार काउंसिल के आह्वान पर आठ सितंबर को राज्य की समस्त बार एसोसिएशनों से जुड़े अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।
छोटे कारोबारियों का किया जा रहा उत्पीड़न
मंगलवार को उत्तराखंड बार काउंसिल सभागार में बार काउंसिल चेयरमैन डा. महेंद्र पाल की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की आपात बैठक में तय किया गया कि हाई कोर्ट के आदेश की मनमानी व्याख्या की जा रही है। पूरे राज्य में प्रशासन की ओर से व्यापारियों सहित छोटे कारोबारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।प्रशासन अपना रही मनमाना रवैया
सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से अतिक्रमण मामले में आदेश नहीं होने की बात कही जा रही है लेकिन प्रशासन मनमाना रवैया अपना रहा है। चेयरमैन डा. पाल के अनुसार, उत्तर प्रदेश के हापुड़ सहित अन्य हिस्सों में अधिवक्ताओं पर दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है, जिससे अधिवक्ता समुदाय आहत है। उत्पीड़न की कार्रवाई का हर स्तर पर विरोध जरूरी है।
संगठनों से सहयोग की अपील
बैठक में बंद को सफल बनाने के लिए संगठनों से सहयोग की अपील की गई। बैठक में उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह, सचिव मेहरबान सिंह कोरंगा, बीसीआइ सदस्य डीके शर्मा, अर्जुन सिंह भंडारी, विजय भट्ट, नंदन सिंह कन्याल, राव मुन्फैत अली, हरी सिंह नेगी आदि मौजूद थे जबकि सदस्य मनमोहन लाम्बा वर्चुअली जुड़े।
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