उत्तराखंड : दिग्गजों की हार से कांग्रेस के लिए संगठन तैयार करना चुनौती
Congress uttarakhand उत्तराखंड में पूर्व सीएम हरीश रावत प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल जैसे दिग्गज चुनाव हार गए। ऐसे में पार्टी के सामने संगठन को खड़ा करने की बड़ी चुनौती है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 20 Mar 2022 10:49 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सत्ता में वापसी के ख्वाब देख रही कांग्रेस के लिए दस मार्च को आए नतीजे अब भी किसी हैरानी से कम नहीं है। भाजपा ने वापसी कर पांच साल भाजपा और पांच साल कांग्रेस शासन के मिथक को तोड़ दिया।
कांग्रेस के हाथ 70 में से सिर्फ 19 सीट आई। पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा, राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन, कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत और प्रो. जीतराम भी चुनाव हार गए।
कांग्रेस के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती बिखरे संगठन को एकजुट करने की है। आगे निकाय और फिर पंचायत चुनाव में फिर परीक्षा होगी। फिलहाल कांगे्रस हाईकमान ने वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे को चुनावी हार की समीक्षा और संगठन में जरूरी बदलावों पर मंथन करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
2017 की मोदी लहर में कांग्रेस विधानसभा में 11 के आंकड़े पर सिमट गई थी। प्रचंड बहुमत वाली भाजपा सरकार ने पांच साल सत्ता चलाई। कांग्रेस के रणनीतिकारों को उम्मीद थी कि 2022 में सत्ता में वापसी जरूर होगी। मगर परिणाम इसके उलट रहा। भाजपा ने 47 सीटों पर कब्जा जमाया।
19 कांग्रेस, दो बसपा और दो निर्दलियों के खाते में आई। ऊधम सिंह नगर और हरिद्वार जिले में पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। मगर पर्वतीय विधानसभा में उसकी स्थिति खराब रही। सत्ता से दूरी और बड़े नेताओं की हार के चलते कार्यकर्ताओं का मनोबल और ज्यादा गिर गया। हालांकि, इस हार के पीछे पिछले पांच साल से चली आ रही गुटबाजी भी मुख्य वजह रही।
जबकि भाजपा खेेमे से मोदी मैजिक और बूथ प्रबंधन ने अपना कमाल दिखा दिया। बुरी हार के बाद अब कांग्रेस को नए सिरे से संगठन खड़ा करना होगा। हाईकमान के आदेश पर गणेश गोदियाल प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं, चुनाव से पहले कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष का जिम्मा निभाने वाले अविनाश पांडे को पार्टी ने अब हार के कारणों और संगठन में जरूरी बदलाव करने का जिम्मा सौंपा है। जल्द इसे लेकर बैठक होगी।
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