जागरण के वेबिनार में उत्तराखंड के उद्यमियों ने कहा-टैक्स में छूट मिले और सस्ता हो कर्ज
लॉकडाउन की वजह से उद्योगों में आए ठहराव आ गया है। इससे रोजगार प्रभावित हुआ है। उद्यमी भी मुश्किल में हैं। उन्होंने जागरण के वेबिनार में खुलकर अपनी बात रखी।
- -होटल, रेस्टोरेंट संचालकों को बैंक ब्याज में छूट मिले।
- -उद्योगों को बिजली बिल में राहत मिले और फिक्स चार्ज माफ हो।
- -अगले छह माह तक बैंक ब्याज पर तीन से चार फीसद ब्याज लिया जाए।
- -कारोबारियों को टैक्स में अधिक से अधिक रियायत दी जाए।
- -व्यापार के लिए न्यूनतम ब्याज पर लोन दिया जाए।
- -प्रदूषण बोर्ड, फायर, मंडी समिति लाइसेंस बिना शुल्क एक साल के लिए बढ़ा दें।
- -जिला पंचायत क्षेत्र में उद्योगों का लाइसेंस शुल्क माफ हो।
- -यूपी से आने वाले प्रवासी मजदूरों को बार्डर पार करने की अनुमति मिले।
- -मजदूरों को अपनी बसों से लाने-छोडऩे की इजाजत मिले।
- -केंद्र सरकार से डिटेंशन चार्ज में रियायत मिले।
- -एमएसएमई की तरह बड़े उद्योगों के बिलों का निश्चित अवधि के भीतर भुगतान अनिवार्य हो।
- -बाजार में 25 से 30 फीसद तक स्थानीय उत्पाद बेचने की अनिवार्यता हो।
- -बाहर से पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स को प्रदेश के कॉलेजों में समायोजित किया जाए।
- - बार शुल्क में अधिक से अधिक राहत मिले।
- - प्लाईवुड उद्योग के लिए यूपी बार्डर पर ट्रैक्टर ट्राली लाने की अनुमति मिले।
- -उद्योग संचालन की अनुमति तत्काल मिले। इनवेस्ट उत्तराखंड वेबसाइट पर चार दिन बाद भी आवेदन लंबित हैं।
- -आरबीआई की स्कीम को बैंक स्तर पर तत्काल लागू कराया जाए।
- - सभी स्टोन क्रशर उद्योग को तत्काल संचालन की अनुमति मिले।
प्रवासियों के रोजगार की योजना बने : जिंदल
एसएनपीजी ग्रुप के योगेश जिंदल ने कहा कि इस समय उद्योगों को राहत देने के साथ बेरोजगार हो चुके हाथों को रोजगार देने की संभावना तलाशने की जरूरत है। छह माह तक उद्योगों से लोन पर 3 से 4 फीसद ब्याज लिया जाए। बिजली बिल माफ हों। उत्तराखंड लौटे एक लाख प्रवासियों को रोजगार देने के लिए भी योजना बनानी होगी।
रोजगार की संभावना बढ़ानी होगी : जेपी
सेंचुरी पल्स एंड पेपर के सीईओ जेपी नारायण ने कहा कि प्रदेश में अधिकांश एमएसएमई के उद्योग हैं। लॉकडाउन की वजह से रोजगार में कमी आएगी। मांग और उत्पादन घटने से लागत बढ़ेगी। उद्योगों को टैक्स में राहत, ब्याज में कटौती और नए उद्योगों को सस्ते दरों पर लोन देकर रोजगार की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।
बिना शुल्क रिन्यूवल हो लाइसेंस : बंसल
केजीसीसीआइ के अध्यक्ष अशोक बंसल ने कहा कि इस समय आमदनी नहीं हो रही है। कल तक कैसी स्थिति रहेगी पता नहीं। ऐसे में प्रदूषण बोर्ड लाइसेंस, फायर एनओसी, जिला पंचायत क्षेत्र लाइसेंस आदि को बिना किसी शुल्क के एक माह के लिए रिन्यूवल किया जाना चाहिए। इससे उद्योगों को उबारने में थोड़ी बहुत मदद पहुंच सकती है।
बस से श्रमिक लाने की अनुमति मिले : अग्रवाल
नैनी पेपर ग्रुप के पवन अग्रवाल ने कहा कि ऊधमसिंह नगर जिले के कई उद्योगों में यूपी के जिलों से श्रमिक काम करने आते हैं। श्रमिकों को फैक्ट्री के भीतर रखना संभव नहीं है। बार्डर की कंपनियों को अपनी बसों से श्रमिकों को लाने व वापस छोडऩे की अनुमति मिले। डिटेंशन चार्ज माफ करने को प्रदेश सरकार केंद्र में पैरवी करे।
सरकार के भरोसे उद्यमी : मित्तल
शिवालिक इंडस्ट्रीज के एमडी एके मित्तल ने कहा कि इस समय लेबर की सबसे बड़ी समस्या आ रही है। प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को लौट गए हैं। उद्योगों पर ब्याज चुकाने की चिंता है। बाजार खुल नहीं रहा। मांग नहीं है। उत्पादन भी 20 से 40 फीसद शुरू हो पाया है। ऐसे में उद्योग संचालकों की नजर सरकार के फैसले पर टिकी है।
स्थानीय मार्केट सुनिश्चित करें : देवेंद्र
केवीएस के देवेंद्र अग्रवाल ने कहा कि लोन पर चल रहे उद्योग थोड़ी-बहुत जो उत्पादन कर रहे हैं, उन्हें सामान बेचने में समस्या आ रही है। पेपर व इलेक्ट्रानिक पुर्जे तैयार करने वाली कंपनियों को स्थानीय स्तर पर कम से कम 25 से 30 प्रतिशत का मार्केट सुनिश्चित करना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ दो देनदारी बढऩे से संकट और बढ़ेगा।
फ्रूट उद्योग को रियायत की जरूरत : बलराम
द्वारिका फ्रूट्स कंपनी के सीएमडी बलराम अग्रवाल कहते हैं कि लॉकडाउन में मजदूरों के पलायन से फ्रूट कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसका असर अभी कुछ समय बरकरार रह सकता है। बाजार में मांग नहीं है। उद्योगों को रियायत देने की जरूरत है। कारोबारियों को बैंक ब्याज, लाइसेंस शुल्क आदि में रियायत दी जानी चाहिए।
ग्रीन व आरटीओ टैक्स में मिले छूट : पुनीत
मारुति के डीलर पुनीत अग्रवाल ने कहा कि ऑटो कारोबार पहले से मंदी से जूझ रहा था। लॉकडाउन से मुश्किल और बढ़ गई है। उत्पादन बंद है। कामगार बेरोजगार हैं। ऐसे समय में उद्योगों को ग्रीन टैक्स में छूट देने की जरूरत है। आरटीओ टैक्स में भी रियायत दी जाए। उम्मीद है कि सरकार इसे समझते हुए सकारात्मक फैसला लेगी।
स्टूडेंट्स को अंगीकार करें संस्थान : मेहरोत्रा
ज्ञानार्थी मीडिया के संतोष मेहरोत्रा ने कहा कि दूसरे राज्यों में रहकर पढ़ाई कर रहे हजारों युवा लॉकडाउन की वजह से वापस लौट आए हैं। शायद ही बच्चे वापस जाएं। ऐसे स्टूडेंट्स को प्रदेश के संस्थान अंगीकार करें। अगर किसी संस्थानों में नए पाठ्यक्रमों को मान्यता देने की जरूरत पड़ती है तो इसे दिशा में तेज गति से काम किया जाए।
ट्रांसपोर्ट में रियायत मिले : मिड्ढा
एमबी प्लाईवुड इंडस्ट्रीज के निदेशक रमेश मिड्ढा ने जिला पंचायत के टैक्स में छूट देने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि प्लाईवुड के लिए कच्चा सामान यूपी के जिलों से आता है। वहां से ट्रैक्टर ट्राली को आने की इजाजत मिलनी चाहिए। बार बंद होने से उन्हें लाइसेंस शुल्क में रियायत मिले। उद्यमियों की सरकार पर निगाहें टिकी हैं।
कंपनी के पास में ट्रांसपोर्ट मिले : गोयल
श्रीराम साल्वेंट के शरद गोयल ने कहा कि जिलों के भीतर आवागमन की सुविधा दी जानी चाहिए। बिजनौर, मुरादाबाद और रामपुर से काम करने के लिए ऊधमसिंह नगर जिले में आने वालों को कंपनी के लेटर या पास पर आवागमन की अनुमति मिले। उद्यम शुरू करने के लिए ऑनलाइन आने वाले आवेदनों को एक दिन में अनुमति मिले।
गाइडलाइन तत्काल लागू हो : गुप्ता
एचएम राइस मिल के रितेश गुप्ता ने कहा कि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन बैंक स्तर पर तुरंत लागू नहीं हो रही है। पिछले दिनों रेपो रेट घटाने के जीओ को बैंकों ने कई दिनों बाद तक लागू नहीं किया। आरबीआई या केंद्र सरकार बैंकों को किसी तरह के निर्देश देती है तो उसे तत्काल लागू किया जाना चाहिए। ताकि लोगों को फायदा मिले।
स्टोन क्रशर शुरू करें सरकार : अग्रहरि
एटूजेड कंपनी के संगम अग्रहरि ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से स्टोन क्रशर बंद हैं। जून तीसरे सप्ताह से बरसात का सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में क्रशर के सामने एक से डेढ़ माह का समय बचा है। सरकार ने स्टोन क्रशरों को शुरू कराना चाहिए। इससे क्रशर संचालकों को अपना नुकसान छोड़ा कम करने में मदद मिल सकेगी।
कांच की बोतल नहीं मिल रही : मिश्रा
आइजीएम कंपनी के प्रमुख वित्त प्रशासक मधुम मिश्रा ने कहा कि उत्तराखंड में प्लास्टिक की बोतल में लिकर की पैकिंग की अनुमति नहीं है। लॉकडाउन की वजह से कांच की बोतल नहीं मिल पा रही। निकट भविष्य में उत्पादन प्रभावित हो सकता है। शॅटडाउन में मशीनों की रिपेयरिंंग व मैंटेनेस के लिए दूसरे राज्यों से इंजीनियर नहीं आ पा रहे।
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