Uttarakhand Forest Fire नैनीताल जिले में जंगलों में आग धधकने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को हाईवे पर चमड़ियां क्षेत्र से सटे थुआ के जंगल में दोपहर भीषण आग धधक उठी। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। जंगलों को आग से बचाने के लिए ठोस उपाय न किए जाने से गांवों के वाशिंदों में गहरा रोष भी व्याप्त है।
संवाद सूत्र, जागरण, गरमपानी : Uttarakhand Forest Fire: नैनीताल जिले में जंगलों में आग धधकने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। एक के बाद एक जंगल आग से खाक होते जा रहे हैं।
अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे से सटे थुआ के जंगल में भीषण आग धधकने से बेशकिमती वन संपदा राख हो गई। जंगल से देर शाम तक धुएं का गुबार उठता रहा। जंगलों को आग से नुकसान होने से मवेशियों के लिए चार पत्ती का भी संकट खड़ा हो गया है।
जंगल में दोपहर भीषण आग धधक उठी
बुधवार को हाईवे पर चमड़ियां क्षेत्र से सटे थुआ के जंगल में दोपहर भीषण आग धधक उठी। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। जंगल में आग के बड़े हिस्से में फैलने से दूर-दूर तक लपटें दिखाई देने लगी।
आसपास के गांवों के बाशिंदे भी दहशत में आ गए, हालांकि आग आबादी के नजदीक तक नहीं पहुंची। लगातार जंगलों को आग से नुकसान पहुंचने से पशुपालक भी परेशान हो चुके हैं। मवेशियों को जंगलों में छोड़ने में भी खतरा बना हुआ है। चारा पत्ती तक जलकर नष्ट हो चुकी है।
ग्रामीणों के अनुसार जंगलों के आग की भेंट चढ़ने से गांवों में स्थित जल स्रोत तक सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए ठोस उपाय न किए जाने से गांवों के वाशिंदों में गहरा रोष भी व्याप्त है।
क्षेत्रीय जन विकास संघर्ष समिति के शिवराज सिंह बिष्ट, बिशन जंतवाल, मनीष तिवारी, फिरोज अहमद, राकेश जलाल, पुष्कर सिंह, पंकज भट्ट आदि ने जंगलों को बचाने कै लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग वन विभाग से की है।
ओखलकांडा के जंगल में लगी भीषण आग
भीमताल : ओखलकांडा विकासखंड की ग्राम सभा सुरंग के तोक मूरा के जंगद में बुधवार की दोपहर अचानक आग लग गई। आग से कई हेक्टेयर वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। स्थानीय लोगों ने आग को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए कड़ी मेहनत की। ग्रामीणों ने आग को आबादी में आने से रोका।
क्षेत्र के पंकज सिंह, गोपाल सिंह ने बताया कि आग से जंगल के हरे पेड़ पौधे पूरी तरह से झुलस गए। उन्होंने कहा कि आग को बुझाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने वन विभाग से जंगल में गिरे पिरूल को हटाने की मांग की है। ताकि आग से पेड़-पौधों को नुकसान न हो सके।