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उत्तरकाशी के बड़कोट में पेयजल समस्या पर हाई कोर्ट सख्त, सचिव और निदेशक से मांगा जवाब

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी के बड़कोट में पानी की समस्या से निजात दिलाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सचिव पेयजल व निदेशक पेयजल निगम को तीन सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। यदि जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो निदेशक पेयजल निगम को अगली तिथि पर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होना होगा।

By kishore joshi Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 15 Oct 2024 04:03 PM (IST)
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उत्तरकाशी के बड़कोट में पेयजल समस्या का मामला (प्रतीकात्मक फोटो)

जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी के बड़कोट में पानी की समस्या से निजात दिलाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सचिव पेयजल व निदेशक पेयजल निगम को तीन सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर निदेशक पेयजल निगम अगली तिथि को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे। अब मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह होगी।

प्रकरण में नहीं पेश हुआ कोई जवाब

पूर्व में कोर्ट राज्य सरकार सहित पेयजल निगम से इस पर विस्तृत शपथ पत्र पेश करने को कहा था लेकिन अभी तक इस प्रकरण में जवाब पेश नहीं किया गया। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए यह भी कहा था कि यह समस्या पूरे राज्य की है।

बड़कोट निवासी सुनील थपलियाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बड़कोट में पानी की समस्या हो रही है। जिसको लेकर क्षेत्रवासी पिछले छह जून से तहसील परिसर में आंदोलन कर रहे हैं। क्षेत्रवासी टैंकरों से पानी ला ला कर परेशान हो रहे है जबकि 500 मीटर की दूरी पर नदी है।

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प्रशासन की ओर से नहीं मिली कोई मदद

प्रशासन ने अभी तक इस समस्या का समाधान करने में कोई मदद नहीं की। क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री सहित अधिकारियों को प्रत्यावेदन दिए लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। आक्रोशित होकर क्षेत्रवासी पिछले छह जून से धरना प्रदर्शन कर रहे है।

याचिका में आगे कहा है कि इस समस्या का समाधान एकमात्र उपाय तिलाड़ी से बड़कोट के लिए पंपिंग योजना का निर्माण कर हो सकता है, इसलिए इसकी शीघ्र स्वीकृति दी जाए।

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अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को

हाईकोर्ट ने एक और मामले में सुनवाई की है। हाई कोर्ट ने हरिद्वार के अवधूत मंडल आश्रम की ओर से गुरुकुल कांगड़ी के समीप सड़क की भूमि पर करीब दो सौ दुकानें बनाकर उन्हें किराए पर दिए जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर हरिद्वार विकास प्राधिकरण को जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई को 16 अक्टूबर को होगी।

सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी रोहिताश शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमे कहा गया है कि गुरुकुल कांगड़ी के पास अवधूत मंडल आश्रम की ओर से सड़क की 3.5 मीटर भूमि पर अतिक्रमण कर करीब दो सौ दुकानों का निर्माण करके किराए पर उठाया गया है।

हरिद्वार विकास प्राधिकरण ने 2012 में रिपोर्ट जारी कर कहा था कि रोड की चौड़ाई 7.5 मीटर होनी चाहिए थी, जो 3.5 मीटर कम पाई गई। जब इसकी जानकारी याचिकाकर्ता ने आरटीआइ से मांगी तो यह फाइल प्राधिकरण के कार्यालय से गायब थी।

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