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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गृह सचिव, डीजीपी, आईजी समेत पूर्व विधायक चैंपियन को भेजा नोटिस, जानिए क्या है मामला?

हरिद्वार के खानपुर से पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन के परिवार को सरकार की ओर से पांच सुरक्षा गार्ड और निजी वाहन को पायलट कार बनाकर हूटर बजाने की अनुमति दिए जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। अदालत ने सचिव गृह डीजीपी आइजी सुरक्षा डीएम-एसएसपी हरिद्वार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने को है।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Wed, 27 Sep 2023 08:08 PM (IST)
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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गृह सचिव, डीजीपी, आईजी समेत पूर्व विधायक चैंपियन को नोटिस भेजा है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हरिद्वार जिले के खानपुर से पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन के परिवार को सरकार की ओर से पांच सुरक्षा गार्ड और निजी वाहन को पायलट कार बनाकर हूटर बजाने की अनुमति दिए जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सचिव गृह, डीजीपी, आइजी सुरक्षा, डीएम-एसएसपी हरिद्वार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने को है।

इस मामले में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, देवयानी, कुंवर नरेंद्र सिंह, कुंवर दिव्य प्रताप सिंह को भी नोटिस दिया गया है। अगली सुनवाई आठ दिसंबर को होगी। हरिद्वार निवासी इमरान ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि खानपुर से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन समेत उनके परिवार के सदस्यों को नियम विरुद्ध तरीके से पांच सरकारी सुरक्षा गार्ड दिए गए हैं।

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उन्होंने अपने एक निजी वाहन को पायलट कार बनाकर उसमें हूटर लगाया है। जब वह घर से बाहर निकलते हैं तो अपनी सुरक्षा का दुरुपयोग कर हूटर बजाकर कानून का उल्लंघन करते हैं। याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया कि कुंवर प्रणव सिंह को कोई धमकी नहीं मिली है। ऐसे में उनकी सुरक्षा में लगे गनर का दुरुपयोग हो रहा है।

वर्ष 2016 में उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि किन-किन लोगों को सुरक्षा दी जाएगी इस पर राज्य सरकार एक कमेटी गठित करेगी। यह कमेटी जांच करने के उपरांत ही सुरक्षा देने की मंजूरी देगी। लेकिन अभी तक सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया। एक प्रार्थना पत्र के आधार पर सुरक्षा दी जा रही है जो सरकारी तंत्र का दुरुपयोग है। वर्तमान समय में राज्य सरकार ने 197 वीआइपी को 610 गनर दिए हैं। जिनमें मुख्यमंत्री, राज्यपाल, हाई कोर्ट के न्यायाधीश सहित अन्य शामिल हैं।

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