उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा, मस्जिद में लाउडस्पीकर बजाना मौलिक अधिकार नहीं
मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाने के मामले में सरकार ने एक बार फिर रुख साफ किया है। बुधवार को सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाना मौलिक अधिकार नहीं है।
राज्य सरकार के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इस्लामिया की ओर से दिए गए प्रत्यावेदन को तीन दिन में निस्तारित करने का निर्देश डीएम व एसएसपी नैनीताल को दिया। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अंजुमन इस्लामिया नैनीताल की याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान कहा गया कि जामा मस्जिद मल्लीताल में अजान के दौरान लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति देेने के लिए जुलाई 2018 में जिला प्रशासन को प्रत्यावेदन दिया गया था, जिसका निस्तारण नहीं किया गया। सरकार की ओर से सीएससी परेश त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि 2018 में हाई कोर्ट ने इस संबंध में आदेश पारित किया था।
उसके अनुसार मस्जिदों में लाउडस्पीकर पांच डेसिबल व त्योहारों के समय 15 दिन दस डेसिबल बजाने की अनुमति दी गई है। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को गुरुवार को प्रशासन को अंडरटेकिंग देने व डीएम-एसएसपी को शनिवार तक प्रत्यावेदन निस्तारित करने का निर्देश दिया।