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Uttarakhand Land Law: विशेष अनुमति से खरीदी भूमि के 25% मामलों में उल्लंघन, राज्‍य सरकार करेगी जब्‍त

Uttarakhand Land Law Violation उत्तराखंड में भूमि कानून के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के आदेश दिए हैं। 2003 से 2023 तक विशेष अनुमति प्राप्त कर 254 लोगों ने भूमि खरीदी है जिसमें से 25 प्रतिशत मामलों में उल्लंघन की पुष्टि हुई है। जिला प्रशासन ने भूमि को सरकार में निहित करने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी है।

By naresh kumar Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 13 Nov 2024 05:17 PM (IST)
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Uttarakhand Land Law Violation: विशेष अनुमतियों में से 25 प्रतिशत मामलों में उल्लंघन का खुलासा। प्रतीकात्‍मक
नरेश कुमार, नैनीताल। Uttarakhand Land Law Violation: राज्य स्थापना के बादबाहरी व्यक्तियों ने कृषि और व्यवसायिक प्रयोजन से भूमि की खरीद फरोख्त की लेकिन तय प्रयोजन में भूमि का प्रयोग नहीं किया। जिले में 2003 के बाद से दी गई विशेष अनुमतियों में से 25 प्रतिशत मामलों में उल्लंघन का खुलासा हुआ है।

अब तक शासन और डीएम द्वारा दी गई 254 अनुमतियों में से 64 मामलों में भूमि का वह प्रयोग होते नहीं पाया गया जिसमें अनुमति दी गई थी। जिला प्रशासन की ओर से 64 मामलों में धारा-167 की कार्रवाई करते हुए भूमि को सरकार में निहित करने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी है। जिसमें सर्वाधिक मामले नैनीताल तहसील के है।

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विशेष अनुमति प्राप्त कर खूब की भूमि की खरीदारी

राज्य बनने के बाद बाहरी व्यक्तियों ने यहां व्यावसायिक, कृषि और आवासीय प्रयोजन से विशेष अनुमति प्राप्त कर खूब भूमि की खरीदारी की। अधिकांश मामलों में न तो कृषि और न ही व्यावसायिक प्रयोजन पूरा किया गया। नतीजतन भारी संख्या में बाहरी व्यक्तियों को भूमिधरी का अधिकार मिलने से सशक्त भू कानून की मांग उठने लगी।

सीएम धामी ने बैठा दी जांच

बीते माह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशेष अनुमतियों के मामले में जांच बैठा दी। जांच के बाद 2003 से 2023 तक विशेष अनुमति प्राप्त कर 254 लोगों ने भूमि खरीदी है। करीब 25 प्रतिशत मामलों में उल्लंघन की पुष्टि हुई है।

डीएम वंदना सिंह ने बताया कि जिलेभर में 64 मामलों में धारा 154 के तहत दी गई अनुमतियों का उल्लंघन पाया गया है। जिनके विरुद्ध उत्तराखंड उत्तरप्रदेश जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम की धारा 167 की कार्रवाई करते हुए भूमि को सरकार में निहित करने की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

नैनीताल तहसील में सर्वाधिक मामले

जिले में विशेष अनुमति प्राप्त कर सर्वाधिक जमीन की खरीद फरोख्त और उल्लंघन नैनीताल तहसील में पाया गया है। बेतालघाट, लालकुआं और कालाढूंगी तहसील में एक भी उल्लंघन का मामला रिकॉर्ड नहीं हुआ है।

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नैनीताल तहसील में कृषि के 37, धारी में सात व्यावसायिक व पांच कृषि कुल 12, कैंची धाम में छह कृषि, हल्द्वानी में कृषि के तीन और रामनगर में कृषि प्रयोजन के छह मामलों में उल्लंघन पाया गया। अधिकांश मामलों में या तो भूमि बेच दी गयी है, अथवा कृषि भूमि में आवासीय प्रतिष्ठान बनाकर शेष भूमि बंजर पड़ी है।

2017 के बाद दी गयी 176 अनुमति

प्रदेश स्थापना के बाद उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम में समय-समय पर बदलाव किया गया। 2017 से पूर्व कृषि और व्यवसायिक प्रयोजन के लिए विशेष अनुमति शासन स्तर पर ही दी जाती थी।

2017 के बाद जिलाधिकारी को यह अधिकार दे दिया गया। 2017 से 2024 तक जिले में 176 विशेष अनुमति दी गई है। जिसमें से 79 कृषि अनुमतियों में 54.385 हेक्टेयर भूमि और 97 व्यावसायिक अनुमतियों में 39.938 हेक्टेयर भूमि बाहरी व्यक्तियों ने खरीदी।

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