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Uttarakhand News: नैनीताल में घोड़े की पीठ पर चलती-फिरती लाइब्रेरी

आपने बस या वैन में चलती-फिरती लाइब्रेरी तो देखी होगी पर नैनीताल जिले के युवाओं ने अनूठी पहल की है। हिमोत्थान व संकल्प यूथ फाउंडेशन संस्था की मदद से घोड़े की पीठ पर चलती-फिरती लाइब्रेरी यानी घोड़ा लाइब्रेरी शुरू की गई है। दूरस्थ गांव में जहां सड़क संचार नेटवर्क व पढ़ाई के संसाधनों का अभाव है वहां घोड़ा लाइब्रेरी पहुंच रही है।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Mon, 14 Aug 2023 06:44 AM (IST)
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उत्तराखंड के नैनीताल जिले के कोटाबाग के दूरस्थ गांव बाघिनी में पहुंची घोड़ा लाइब्रेरी।

हल्द्वानी,दीप बेलवाल। आपने बस या वैन में चलती-फिरती लाइब्रेरी तो देखी होगी, पर नैनीताल जिले के युवाओं ने अनूठी पहल की है। हिमोत्थान व संकल्प यूथ फाउंडेशन संस्था की मदद से घोड़े की पीठ पर चलती-फिरती लाइब्रेरी यानी घोड़ा लाइब्रेरी शुरू की गई है। दूरस्थ गांव में जहां सड़क, संचार नेटवर्क व पढ़ाई के संसाधनों का अभाव है, वहां घोड़ा लाइब्रेरी पहुंच रही है।

युवाओं की टोली द्वारा बच्चों को सामान्य ज्ञान, प्रेरक कहानियां और नैतिक शिक्षा संबंधी पुस्तकें दी जा रही हैं। युवाओं का कहना है कि सरकार की ओर से पाठ्यक्रम की पुस्तकें स्कूलों में मिल जाती हैं। उनका प्रयास बच्चों को साहित्य व नैतिक शिक्षा से जोड़ना है। नैनीताल जिले के कोटाबाग के आंवलाकोट निवासी शुभम बधानी ने बताया कि वह हिमोत्थान संस्था के लाइब्रेरी कार्डिनेटर व संकल्प यूथ फाउंडेशन संस्था के अध्यक्ष हैं। 

10 जून को वर्षा से इलाके के दूरस्थ गांवों में आपदा ने काफी नुकसान पहुंचाया। शुभम ने युवाओं के साथ मिलकर बच्चों को साहित्य और नैतिक शिक्षा से जोड़ने की मुहिम शुरू की। बाघिनी गांव से घोड़ा लाइब्रेरी शुरू करने का निर्णय लिया। इस गांव के लोगों की मदद से एक घोड़ा मिला। घोड़े की पीठ पर पुस्तकें लेकर वह टीम के साथ गांव में निकले और बच्चों को पुस्तकें दीं।

इससे जलना, तोक व आलेख गांव तक घोड़ा लाइब्रेरी पहुंच गई। युवाओं की टोली अब तक 300 पुस्तकें बांटी जा चुकी हैं। नैनीताल के जिला शिक्षाधिकारी (बेसिक) नागेंद्र बर्थवाल ने बताया कि युवाओं के ओर से दूरस्थ क्षेत्र में ज्ञानवर्धक पुस्तकें पहुंचाने की मुहिम अच्छी है। इनकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है।