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Uttarakhand: चरस के मामले में घिरी मित्र पुलिस, पहले केस दर्ज नहीं किया; फ‍िर आरोपित को नोटिस देकर छोड़ा

Uttarakhand Police उत्तराखंड पुलिस चरस मामले में घिर गई है। कुल्यालपुर में एक परचून की दुकान से कथित चरस बरामद होने के बाद पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया और आरोपित को नोटिस देकर छोड़ दिया। कोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं और अगली सुनवाई पर चरस पेश करने के साथ कई सवालों के जवाब देने को कहा है।

By Deep belwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 27 Oct 2024 08:38 PM (IST)
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Uttarakhand Police: अगली सुनवाई पर पुलिस को चरस पेश करने के साथ कई सवालों के जवाब देने होंगे। Concept
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । Uttarakhand Police: 28 जून को कुल्यालपुरा स्थित परचून की दुकान में मिली कथित चरस के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों में आ गई है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार पांडे ने पुलिस की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। कहा है कि अगली तारीख को पुलिस उस चरस को कोर्ट में पेश करे, जिसे घटनास्थल से बरामद किया गया था। ऐसे में अगली सुनवाई पर पुलिस को चरस पेश करने के साथ कई सवालों के जवाब देने होंगे।

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घटनाक्रम में अनुसार, कुल्यालपुर गली नंबर तीन में पूनम की परचून की दुकान है। 28 जून को दुकान में खुशी तिवारी नाम की महिला सामान खरीदने के बहाने घुसी और बाहर निकलते समय उसने छाता और पैकेट दुकान में छोड़ दिया। महिला के निकलते ही पुलिस पहुंची और दुकान से कथित चरस बरामद कर ली।

आरोपित को नोटिस देकर पुलिस ने छोड़ दिया

घटना दुकान में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज हुआ था। चार सितंबर को पीड़ित पक्ष ने आदर्शनगर मुखानी निवासी खुशी तिवारी उर्फ मंजू तिवारी को पकड़ लिया था, जिसे नारी निकेतन में रखा और नोटिस देकर पुलिस ने छोड़ दिया।

मामला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार की कोर्ट में है। कोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हुए तमाम सवालों के जवाब और कथित चरस संग 29 नवंबर को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं। मामले में खुशी के साथ भूपेंद्र सिंह चौहान व उमेश चौहान को भी आरोपित बनाया गया है। इन पर खुशी की मदद से दुकान में चरस रखवाने का आरोप है।

कोर्ट ने उचित व विधिपूर्व विवेचना की रिपोर्ट देने को कहा

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता चंदन बोरा ने बताया कि कोर्ट ने इस मामले में हल्द्वानी कोतवाली के भारसाधक अधिकारी व जांच अधिकारी को उचित व विधिपूर्व विवेचना की रिपोर्ट देने को कहा है। 28 जून को हुई घटना और चार सितंबर को हुई घटना की जनरल डायरी की प्रति अग्रिम तिथि को न्यायालय में पेश करने व खुशी को नारी निकेतन में किसके आदेश से, किस प्रविधान के तहत व कितने दिन रखा गया, इसकी लिखित रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कथित चरस व अन्य पदार्थ को अग्रिम तिथि पर कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने को कहा है।

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