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बिहार के युवक से पहले उत्तराखंड के विकास बिष्ट ने गूगल सर्च इंजन और माइक्रोसॉफ्ट की सालों पहले पकड़ी थी खामी

गूगल सर्च इंजन में तकनीकी खामी निकाल कर बिहार के बेगूसराय निवासी और आइआइटी मणिपुर में बीटेक के छात्र ऋतुराज चौधरी इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं। बता दें कि सालों पहले उत्तराखंड के विकास सिंह बिष्ट ने गूगल और माइक्रोसाफ्ट में खामी निकालकर सबको हैरत में डाल दिया था।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 02 Feb 2022 12:29 PM (IST)
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उत्तराखंड के बेटे विकास बिष्ट ने गूगल सर्च इंजन में खामियां निकालकर 2017 में सबको हैरत में डाल दिया था।

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : गूगल सर्च इंजन में खामी निकालकर बिहार के बेगूसराय निवासी आइआइटी मणिपुर का बीटेक स्टूडेंट ऋतुराज चौधरी इन दिनों देश-दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है। इसके लिए गूगल ऋतुराज को 31 हजार डालर से अधिक का इनाम देकर उसे हाल आफ फेम अवार्ड से नवाजा है। बता दें कि उत्तराखंड के बेटे विकास बिष्ट ने भी गूगल सर्च इंजन में खामियां निकाल कर 2017 में ही सबको हैरत में डाल दिया था।

गूगल ने विकास को वलनरेबिलिटी रिवार्ड प्रोग्राम के तहत हॉल ऑफ फेम में विश्व के कुल 980 आइटी एक्सपर्ट में से 322वीं रैंक दिया था। इतना ही नहीं वर्ष 2018 में विकास के नाम एक और उपलब्धि जुड़ी। तब उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में खामी पकड़कर फिर से राज्य का नाम रोशन किया। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने उन्हें बग बाउंटी प्रोग्राम के तहत 72 हजार रुपये और फिर 1.49 लाख रुपये का रिवार्ड दिया था।

जानिए विकास के फैमिली बैकग्राउंड के बारे में

विकास बिष्ट पिथौरागढ़ जिले के दुर्गम मिर्थी गांव से निकलकर आइटी की दुनिया में परचम फहराया है। पिता चंदन सिंह बिष्ट धारचूला के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक हैं, जबकि मां गृहिणी हैं। विकास की प्राथमिक शिक्षा भी पिथौरागढ़ जिले से ही हुई। इसके बाद विकास ने मेरठ से इंटीग्रेटेड ग्रेजुएशन इन साइबर सिक्योरिटी कोर्स किया।

सिंगापुर में आठ देशों को पछाड़कर बने थे विजेता

विकास बिष्ट पिछले 20 अक्टूबर से दो नवंबर 2018 तक सिंगापुर में कैप्चर द फ्लैग प्रोग्राम में प्रतिभाग कर चुके हैं। इसमें आठ देशों के साइबर एक्सपर्ट ने प्रतिभाग किया था। विकास बिष्ट के मुताबिक वह इस प्रोग्राम में सिंगापुर के साथ साइबर एक्सपर्ट विजेता रहे थे।

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