उत्तराखंड संस्कृत बोर्ड में बारहवीं में स्टेट टॉप करने वाले हर्षित जाना चाहते हैं प्रशासनिक सेवा में
उत्तराखंड संस्कृत बोर्ड की परीक्षा में बारहवीं में स्टेट टॉप करने वाले हर्षित जोशी प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड संस्कृत बोर्ड की परीक्षा में बारहवीं में स्टेट टॉप करने वाले हर्षित जोशी प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले हर्षित के पिता हरीश चंद्र जोशी भी संस्कृत में आचार्य रह चुके हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में टॉपर हर्षित ने बताया कि वे रोजाना छह से सात घंटे पढ़ाई करते थे। कोरोना संक्रमण के दौर को उन्होंने दिमाग से हावी नहीं होने दिया। इसी के चलते वे बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर सके।
अब वे संस्कृत और गणित विषय के साथ बीए की पढ़ाई कर प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं। मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के भनोली तहसील के ग्राम बुदमन्या निवासी पिता हरीश जोशी गांव में रहकर ही पंडिताई का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि अच्छी और बेहतर संस्कृत शिक्षा दिलाने के लिए उन्होंने बेटे हर्षित को हल्द्वानी में रहने वाले छोटे भाई कैलाश चंद्र जोशी के पास रहने भेजा। जहां उसने श्री महादेव गिरी स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय में दाखिला लिया। खूब मन लगाकर पढ़ाई की और परीक्षा टॉप की। हर्षित की छोटी बहर अंजलि ग्यारहवीं में पढती है। जबकि मां दीपा जोशी गृहणी हैं।
गणित में 98 फीसद अंक
हर्षित को संस्कृत के साथ-साथ गणित सीखने की भी ललक थी। इंटर में उन्होंने ङ्क्षहदी, संस्कृत, अंग्रेजी के साथ-साथ गणित विषय में भी खूब मेहनत की। इसी की बदौलत उन्हें 90 फीसद अंक प्राप्त हुए।
हाईस्कूल में भी रहे टॉपर
हर्षित हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा में भी टॉपर रहे थे। प्रदेश की टॉप - 10 मेधावियों की सूची में उनका 82.6 फीसद अंकों के साथ तीसरा स्थान मिला था।