Uttarakhand Weather Update: अगले दो दिन तापमान में 18 डिग्री का अंतर आने की चेतावनी, पड़ेगी भीषण गर्मी
Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में फरवरी के माह में ही पारा चढ़ रहा है। मौसम विभाग देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक गर्म हवाएं दर्ज होने से आगामी एक-दो हफ्ते में तापमान में और तेजी देखी जा सकती है।
By Himanshu JoshiEdited By: Nirmala BohraUpdated: Tue, 21 Feb 2023 11:29 AM (IST)
जासं, हल्द्वानी : Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में फरवरी के माह में ही पारा चढ़ रहा है। इन दिनों दिन के समय चिलचिलाती गर्मी का अहसास होने लगा है। वहींं अगले एक दो हफ्ते में तापमान अभी और तेजी दिखा सकता है।
उत्तराखंड में शुष्क मौसम के बीच तापमान चढ़ता जा रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान चल चटख धूप पसीने छुटा रही है। जेट वायु धारा के प्रभाव के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस तक अधिक पहुंच गया है।
साथ ही मैदानी क्षेत्राें में भी पारा चढ़ रहा है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन तापमान में वृद्धि और दिनचर तापमान में 18 डिग्री सेल्सियस तक का अंतर आने की चेतावनी जारी की है।
मार्च से पहले ही गर्मी का अहसास
मौसम विभाग देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक गर्म हवाएं दर्ज होने से आगामी एक-दो हफ्ते में तापमान में और तेजी देखी जा सकती है। विगत 20 दिनों में हुई तापमान वृद्धि ने मार्च से पहले ही गर्मी का अहसास बढ़ा दिया है।
बढ़ते तापमान से सूखने लगी गौला, सात साल का रिकार्ड टूटा
कुमाऊं के सबसे बड़े शहर की लाइफ लाइन गौला नदी इस बार फरवरी से ही सिंचाई और जल संकट को लेकर चिंता बढ़ाने लगी है। पहले बारिश की कमी और अब बढ़ते तापमान की वजह से नदी के जलस्तर ने सात साल पुराना रिकार्ड तोड़ दिया है।वर्ष 2017 में 20 फरवरी को 124 क्यूसेक पानी रिकार्ड हुआ था, जो इस बार सात वर्षों के सबसे निचले स्तर 123 क्यूसेक पर पहुंच चुका है। जबकि सिंचाई और पानी के लिए जरूरत रोजाना 390 क्यूसेक पानी की है।
हल्द्वानी के साथ ही कालाढूंगी रोड, लालकुआं, रामपुर रोड व गौलापार क्षेत्र की सिंचाई व्यवस्था गौला नदी पर निर्भर है। सिंचाई विभाग को सभी क्षेत्रों की नहरें चलाने के लिए 360 क्यूसेक पानी की जरूरत होती है। इसके अलावा 30 क्यूसेक पानी रोजाना पेयजल के लिए जल संस्थान को दिया जाता है।सहायक अभियंता मनोज तिवारी ने बताया कि इस बार बारिश कम होने के कारण जनवरी में भी जलस्तर 200 क्यूसेक के ही आसपास था, जो अब 123 क्यूसेक रह गया है। इसमें से 30 क्यूसेक पानी जलसंस्थान को देने के बाद मात्र 93 क्यूसेक सिंचाई के लिए बच रहा है। जिसे रोस्टर के हिसाब से नहरों में छोड़ा जा रहा है।
यदि ऐसी ही स्थिति रही तो गर्मियों के सीजन में पीने के पानी के लिए रोस्टर व्यवस्था चलानी पड़ जाएगी। दूसरी ओर फरवरी में ही दमुवाढूंगा, देवलचौड़ बंदोबस्ती, गौजाजाली, कुसुमखेड़ा समेत चार से पांच क्षेत्रों में पानी की कमी शुरू हो गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।20 फरवरी को जलस्तर
- वर्ष -जलस्तर
- 2017 -124
- 2018- 126
- 2019- 179
- 2020 -224
- 2021- 186
- 2022- 135
पांचवें दिन आ रहा नहर का नंबर
गौला नदी से गौलापार, कठघरिया, देवलचौड़ व लालकुआं को चार प्रमुख नहरें निकलती हैं। इसके अलावा एक नहर से पानी जलसंस्थान को दिया जाता है।हर नहर को चलाने के लिए 90 क्यूसेक पानी की जरूरत होती है। इस हिसाब से सभी नहरों को एक साथ चलाने के लिए 360 क्यूसेक पानी की जरूरत होती है। ऐसे में हर नहर का नंबर पांच दिन बाद आ रहा है।जनवरी से अब तक 82 क्यूसेक गिरावट दर्ज
बारिश की कमी और बढ़ते तापमान के कारण इस बार जनवरी से लेकर अब तक गौला नदी के जलस्तर में लगातार गिरावट देखने को मिली है। एक जनवरी को 205 क्यूसेक पानी रिकार्ड हुआ था, जो पिछले माह 20 जनवरी को 164, 31 जनवरी को 149 और अब 20 फरवरी को 123 क्यूसेक रिकार्ड हुआ है।पिछले 10 दिनों में जलस्तर
- तारीख -जनवरी- फरवरी
- 11 - 190 - 129
- 12 - 185 - 129
- 13 - 185 - 129
- 14 - 176 - 126
- 15 - 176 - 126
- 16 - 176 - 125
- 17 - 176 - 125
- 18 - 164 - 125
- 19 - 164 - 123
- 20 - 164 - 123