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छह मिनट के लोकगीत में होगा उत्‍तराखंड का दर्शन, कुछ ही घंटों में हजारों लोगों ने देखा ट्रेलर

उत्तराखंड के लोकगीतों की श्रेणी में पहली बार एक ऐसा गीत नए रूप में लॉन्च होने जा रहा है जिसमें आपको संपूर्ण उत्तराखंड दर्शन होंगे। इस गीत का टाइटल है जय जय हो देवभूमि।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 12 Dec 2019 12:03 PM (IST)
छह मिनट के लोकगीत में होगा उत्‍तराखंड का दर्शन, कुछ ही घंटों में हजारों लोगों ने देखा ट्रेलर
हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड के लोकगीतों की श्रेणी में पहली बार एक ऐसा गीत नए रूप में लॉन्च होने जा रहा है जिसमें आपको संपूर्ण उत्तराखंड दर्शन होंगे। इस गीत का टाइटल है 'जय जय हो देवभूमि'। उत्तराखंड के मशहूर लोकगायक स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी द्वारा रचित इस गीत को नए सुर दिए हैं वरिष्ठ टीवी पत्रकार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने।

अपलोड होते ही हजारों लोगों ने देखा

बुधवार को सुबह गीत और इसका वीडियो ट्रेलर रमेश भट्ट ने अपनी फेसबुक वॉल पर शेयर किया। कुछ ही घंटों में इसे हजारों की तादाद में लोगों ने देखा है। दरअसल जितने सुंदर इस गीत के बोल हैं उतना ही सुंदर इसका चित्रण किया गया है। गीत का ट्रेलर देखकर ही समझ आ जाता है कि पूरे गीत का फिल्मांकन बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया गया है।

गीत में नजर आएगी उत्‍तराखंड की खूबसूरती

गीत में उत्तराखंड के अध्यात्म, धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन के साथ साथ संपूर्ण उत्तराखंड के सौंदर्य को दर्शाया गया है। पहली ही नजर में देखने और सुनने में गीत अपने मूल के साथ दर्शकों के दिलोदिमाग पर छा रहा है। उत्तराखंड के गढ़वाल, कुमाऊं और जौनसार बावर का बेहतरीन चित्रण इस गीत में है। देवभूमि के चारों धामों के साथ साथ गीत में तमाम छोटे-बड़े प्रसिद्ध सिद्धपीठों और पर्यावरणीय संतुलन का भी का सजीव चित्रण है। गीत में उच्च हिमालयी क्षेत्र और यहां के जीवन के अदभुत दर्शन होते हैं।

छह मिनट का है वीडियो

अगर आपको भी उत्तराखंड के संपूर्ण दर्शन सिर्फ छह मिनट में करने हैं तो आप इस गीत को जरूर देखें। तड़क भड़क और डांसिंग मूड के गीतों के इस दौर में 'जय जय हो देवभूमि, जय जय हो मातृभूमि' गीत जहां प्रवासी पर्वतीय लोगों को रिवर्स पलायन का संदेश देता है वहीं विश्व को देवभूमि उत्तराखंड के सजीव दर्शन भी कराता है। गीत में संगीत संजय कुमोला ने दिया है जबकि इसका वीडियो निर्देशन अरविंद नेगी ने किया है। गीत में अभिनय खुद रमेश भट्ट ने किया है। 

क्‍या कहते हैं लोक गायक भट्ट

गायक रमेश भट्ट ने बताया कि मंचों पर मैं उत्तराखंड के लोकगीत वर्षों से गाता आया हूं, लेकिन ये पहला मौका है जब किसी गीत को प्रोफेशनल तरीके से स्टूडियो में गाया है और इसका फिल्मांकन कर संगीत इंडस्ट्री में लॉन्च किया जा रहा है। सबसे पहले मेरी श्रद्धांजिल स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी जी को। वे हमेशा मेरे प्रेरणाश्रोत रहे हैं। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मीरा गोस्वामी जी का भी बहुत बहुत आभार, जिन्होंने मुझे इस रचना को गाने की अनुमति दी। मैं गीत के फिल्मांकन और सहयोग के लिए पटवाल फिल्म्स का भी कृतज्ञ हूं। भरोसा है आप सबको ये पसंद आएगा।

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