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Uttarkashi Tunnel Collapse: 17 दिन तक चले ऑपरेशन में 13 विभागों ने खर्च किए थे पैसे, करोड़ों का है बजट

uttarkashi tunnel collapse सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए 17 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था। रेस्क्यू में सबसे अहम भूमिका रैट होल माइनर्स ने निभाई थी। जब चट्टानों को भेदने में मशीनें विफल हो गईं तो इन विशेषज्ञों ने कमान संभाली थी। 28 दिसंबर को श्रमिक बाहर निकाले गए थे। इस पूरे ऑपरेशन में करोड़ों का खर्चा आया है।

By Deep belwal Edited By: Swati Singh Updated: Fri, 26 Jan 2024 02:57 PM (IST)
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17 दिन तक चले ऑपरेशन में 13 विभागों ने खर्च किए थे पैसे
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसी 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने पर सरकार, सरकारी विभाग व कंपनी ने दिल खोलकर खर्च किया। 17 दिन तक चले ऑपरेशन में उत्तरकाशी के 13 सरकारी विभागों ने 65.41 लाख रुपये खर्च किए। वहीं, पूरे ऑपरेशन में कंपनी अब तक 5.49 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए 17 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था। रेस्क्यू में सबसे अहम भूमिका रैट होल माइनर्स ने निभाई थी। जब चट्टानों को भेदने में मशीनें विफल हो गईं, तो इन विशेषज्ञों ने कमान संभाली थी। 28 दिसंबर को श्रमिक बाहर निकाले गए थे।

मांगी गई थी रिपोर्ट

हल्द्वानी के हीरा विहार तिकोनिया निवासी सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने आरटीआई के तहत सीएम कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से चार बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। बिंदु संख्या चार में पूछा गया कि श्रमिकों को सुरंग से निकालने पर सरकारी धन कितना खर्च हुआ? जवाब में लोक सूचना अधिकारी ने अपर जिलाधिकारी उत्तरकाशी की ओर से शासन को भेजी गई रिपोर्ट को जवाब के रूप में अटैच किया है।

रिपोर्ट में सामने आए खर्चे का ब्यौरा

अटैच की गई रिपोर्ट में बताया है कि जल संस्थान उत्तरकाशी ने 18.76 लाख, ऊर्जा निगम उत्तरकाशी ने 14.7 लाख, जिला पूर्ति अधिकारी उत्तरकाशी ने 4.90 लाख, तहसीलदार चिन्यालीसौड़ ने 3.39 लाख, एसडीएम डुंडा ने 9.21 लाख खर्च किया है। इसी तरह प्रभागीय लौगिंग प्रबंधक उत्तरकाशी ने 43 हजार, जिला समाज कल्याण अधिकारी उत्तरकाशी ने 1.20 लाख, आइटीबीपी 12वीं वाहिनी मातली उत्तरकाशी ने 41 हजार, अधिशासी अभियंता यूजेवीएनएल लि. उत्तरकाशी ने 2.17 लाख, आपदा प्रबंधन अधिकारी उत्तरकाशी ने 2.12 लाख व जिला कार्यालय उत्तरकाशी ने 5.90 लाख रुपये खर्च किया है।

अभी विभागों का भुगतान बाकी

सिलक्यारा टनल भूधंसाव प्राकृतिक आपदा नहीं है। उक्त व्यय धनराशि एसडीआरएफ निधि के मानकों के अंतर्गत किया है, जिसका भुगतान विभागों को होना बाकी है।

अब तक कुल 5.49 करोड़ हुए हैं खर्च

मैसर्स नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड की ओर से श्रमिकों को बाहर निकालने में अब तक कुल 5.49 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है। आरटीआई के बिंदु नंबर दो के जवाब में बताया गया है कि सिलक्यारा सुरंग 4.859 किलो मीटर लंबी बनाई जा रही है। जिसकी अनुमानिक लागत 1383.78 करोड़ रुपये है।

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