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Vande Bharat Train: काठगोदाम नहीं, अब लालकुआं से दौड़ सकती है वंदे भारत ट्रेन; रेलवे कर रहा व‍िचार

दिल्ली से काठगोदाम तक वंदे भारत ट्रेन चलाने पर लंबे समय से लगा कुहासा छट सकता है। रेलवे अब वंदे भारत ट्रेन का संचालन काठगोदाम के बजाय लालकुआं से करने पर विचार कर रहा है। लालकुआं रेलवे स्टेशन का विस्तार हो रहा है। हल्द्वानी व काठगोदाम रेलवे स्टेशन विस्तार के मामले में पिछड़ चुके हैं।भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए अधिकांश ट्रेनों का संचालन लालकुआं से किया जा रहा है।

By Deep belwal Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 24 Oct 2024 08:43 AM (IST)
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लालकुआं से दौड़ सकती है वंदे भारत ट्रेन।
दीप बेलवाल, हल्द्वानी। दिल्ली से काठगोदाम तक वंदे भारत ट्रेन चलाने पर लंबे समय से लगा कुहासा छट सकता है। रेलवे अब वंदे भारत ट्रेन का संचालन काठगोदाम के बजाय लालकुआं से करने पर विचार कर रहा है। काठगोदाम में एक ओर आबादी और दूसरी ओर गौला नदी से हो रहे भू-कटाव के कारण ट्रेनों का विस्तार करना संभव नहीं है।

रेलवे यात्रियों को अधिक सुविधाजनक यात्रा अनुभव देने के लिए देश में 54 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चला रहा है। इसी क्रम में दो साल पहले काठगोदाम से भी वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी थी, लेकिन गौला नदी के उफान पर आने से शंटिंग लाइन बह गई थी, जिससे वंदे भारत ट्रेन का सपना टूट गया। दो साल बाद रेलवे ने शंटिंग लाइन की मरम्मत तो करा दी, लेकिन गौला नदी के खतरे को टालना आज भी बड़ी चुनौती है।

रेलवे अधिकारियों ने वंदे भारत के संचालन से पहले यहां का भौतिक सत्यापन किया, जिसमें पाया कि रेलवे का विस्तार संभव नहीं है, क्योंकि एक ओर आबादी बस चुकी है और दूसरी ओर गौला नदी कटाव कर रही है। काठगोदाम में ट्रेनों को खड़ा करने के लिए यार्ड भी सीमित हैं। दो प्लेटफार्म हैं। ट्रेनों को पास देने में दिक्कतें होती हैं। इसलिए अब रेलवे वंदे भारत ट्रेन का संचालन लालकुआं से करने पर विचार कर रहा है। लालकुआं में ट्रेनों के लिए पर्याप्त जगह है और पांच प्लेटफार्म भी बने हैं। इसलिए लालकुआं से नई ट्रेनों के संचालन में किसी तरह की बाधा नहीं होगी। रेलवे का मानना है कि हल्द्वानी व कुमाऊं के लोग लालकुआं से वंदे भारत में सफर कर सकते हैं, क्योंकि स्टेशन की दूरी हल्द्वानी से 20 से 25 किमी ही है।

हल्द्वानी से काठगोदाम तक खतरा, लाइन शिफ्ट भी नहीं हो सकती

साल दर साल ट्रेनों के संचालन में गौला नदी सबसे बड़ी बाधा बन रही हैं। पिछले तीन सालों में काठगोदाम से मुरादाबाद के बीच चलने वाली दो पैसेंजर ट्रेनें बंद हो गई हैं। ये ट्रेनें अब लालकुआं से चलाई जा रही हैं। वहीं, देहरादून एक्सप्रेस को सप्ताह में तीन दिन काठगोदाम के बजाय हल्द्वानी से चलाया जा रहा है। हल्द्वानी से काठगोदाम तक ट्रेनों को गौला नदी का खतरा है। लाइन शिफ्ट करना इसलिए संभव नहीं है, क्योंकि कहीं अतिक्रमण है तो कहीं आबादी बस चुकी है।

रूट बदलने से बाघ एक्सप्रेस 1:45 मिनट लेट पहुंची

काठगोदाम से हावड़ा के बीच चलने वाली बाघ एक्सप्रेस का रूट बदल दिया गया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, बुधवार को ट्रेन हावड़ा से काठगोदाम के लिए निकली थी। छपरा व बाराबंकी के पास पटरी पर काम होने से रूट बदला गया, जिससे ट्रेन को लंबा फेरा लेना पड़ा। सुबह 9:15 बजे पहुंचने वाली ट्रेन बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे पहुंची।

लालकुआं रेलवे स्टेशन का हो रहा विस्तार

लालकुआं रेलवे स्टेशन का विस्तार हो रहा है। हल्द्वानी व काठगोदाम रेलवे स्टेशन विस्तार के मामले में पिछड़ चुके हैं। भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए अधिकांश ट्रेनों का संचालन लालकुआं से किया जा रहा है। हाल में लालकुआं से मुंबई के लिए सीधी ट्रेन को सीएम पुष्कर सिंह धामी हरी झंडी दिखा चुके हैं।  

वंदे भारत ट्रेन के संचालन की तैयारी लंबे समय से चल रही है। काठगोदाम में यार्ड समेत कई और दिक्कतें हैं। भविष्य की संभावनाओं व रेल यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए लालकुआं से वंदे भारत ट्रेन के संचालन पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, इस पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है।-  राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, इज्जतनगर मंडल

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