देशभर में चौथी रैंक हासिल करने वाली वत्सला आईएफएस बनकर जाना चाहती हैं विदेश सेवा में
ऑल इंडिया लेबल पर चौथी व उत्तराखंड में तीसरी रैंक हासिल करने वाली वत्सला पांडे का लक्ष्य भारतीय विदेश सेवा में कॅरियर बनाना है।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 03 May 2019 10:23 AM (IST)
हल्द्वानी, गणेश पांडे : ऑल इंडिया लेबल पर चौथी व उत्तराखंड में तीसरी रैंक हासिल करने वाली वत्सला पांडे का लक्ष्य भारतीय विदेश सेवा में कॅरियर बनाना है। शिक्षक दंपती की बेटी वत्सला आईएफएस ऑफिसर बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं।
पंतनगर निवासी वत्सला पांडे आर्यमान विक्रम बिड़ला इंस्टीट्यूट हल्द्वानी की छात्रा हैं। वत्सला ने आर्ट स्ट्रीम से 99.2 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। मां इंदू पांडे जीजीआइसी पंतनगर व पिता दीपक पांडे बिड़ला कॉलेज नैनीताल में शिक्षक हैं। बेटी की सफलता की खुशी मिलने के बाद मां पंतनगर व पिता नैनीताल से हल्द्वानी के लिए रवाना हो गए। दैनिक जागरण से बातचीत में वत्सला ने कहा वह आईएफएस अफसर बनाना चाहती हैं। इससे उसे विश्व से रूबरू होने का मौका मिलेगा। वत्सला का छोटा भाई कक्षा नौ में पढ़ता है।
पंतनगर निवासी वत्सला पांडे आर्यमान विक्रम बिड़ला इंस्टीट्यूट हल्द्वानी की छात्रा हैं। वत्सला ने आर्ट स्ट्रीम से 99.2 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। मां इंदू पांडे जीजीआइसी पंतनगर व पिता दीपक पांडे बिड़ला कॉलेज नैनीताल में शिक्षक हैं। बेटी की सफलता की खुशी मिलने के बाद मां पंतनगर व पिता नैनीताल से हल्द्वानी के लिए रवाना हो गए। दैनिक जागरण से बातचीत में वत्सला ने कहा वह आईएफएस अफसर बनाना चाहती हैं। इससे उसे विश्व से रूबरू होने का मौका मिलेगा। वत्सला का छोटा भाई कक्षा नौ में पढ़ता है।
फंडा : मोबाइल-टीवी से दूरी सफलता में मददगार
परीक्षा के दौरान वत्सला ने स्मार्ट फोन व टेलीविजन से दूरी बना ली थी। वत्सला ने बताया कि दो माह तक उन्होंने सोशल मीडिया पर आना व फ्रेंड से चैटिंग करना बंद कर दिया था। सीख : अधिक पढ़ना ज्यादा अंक की गारंटी नहीं
वत्सला का कहना है कि अधिक समय तक पढऩा ज्यादा अंक लाने की गारंटी नहीं हो सकती। बेहतर है कि जब पढ़े तो पूरा एकाग्र होकर पढें। रुचि के अनुसार विषय का चुनाव करें। वत्सला की मां इंदू ने कहा कि बच्चे पर विषय नहीं थोपने चाहिए।
परीक्षा के दौरान वत्सला ने स्मार्ट फोन व टेलीविजन से दूरी बना ली थी। वत्सला ने बताया कि दो माह तक उन्होंने सोशल मीडिया पर आना व फ्रेंड से चैटिंग करना बंद कर दिया था। सीख : अधिक पढ़ना ज्यादा अंक की गारंटी नहीं
वत्सला का कहना है कि अधिक समय तक पढऩा ज्यादा अंक लाने की गारंटी नहीं हो सकती। बेहतर है कि जब पढ़े तो पूरा एकाग्र होकर पढें। रुचि के अनुसार विषय का चुनाव करें। वत्सला की मां इंदू ने कहा कि बच्चे पर विषय नहीं थोपने चाहिए।
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