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कोसी नदी से सटे गांव बूंद-बूंद पानी को तरसे, ग्रामीणों ने उठाई पंपिंग पेयजल योजना बनाए जाने की मांग

ग्रामीण दूरदराज के क्षेत्रों से पानी ढोने को मजबूर हैं। कई जगह वाहनों से तक पानी ढोया जा रहा है। कई गांवों में लोग पानी के कारण पलायन तक कर चुके हैं। कोसी नदी के आसपास के गांव भी पानी के लिए तरस रहे है।

By Prashant MishraEdited By: Updated: Sun, 13 Dec 2020 11:41 AM (IST)
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सर्दियों में भी तमाम गांवों में पेयजल का अकाल पड़ा हुआ है।
जागरण संवाददाता, रानीखेत/गरमपानी (नैनीताल) : पर्वतीय क्षेत्रो के हाल भी अजब गजब है। पहाड़ों में सुविधाएं नजदीक होने के बावजूद गांवों के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। कोसी नदी से कुछ दूर रहने वाले सैकड़ों ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे। ग्रामीणों ने कोसी नदी से पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। सर्दियों में भी तमाम गांवों में पेयजल का अकाल पड़ा हुआ है। ग्रामीण दूरदराज के क्षेत्रों से पानी ढोने को मजबूर हैं। कई जगह वाहनों से तक पानी ढोया जा रहा है। कई गांवों में लोग पानी के कारण पलायन तक कर चुके हैं। कोसी नदी के आसपास के गांव भी पानी के लिए तरस रहे है।

रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे से सटे चापड़, कमान, अस्तोला, टूनाकोट धारी आदि तमाम गांवों में पेयजल संकट बना हुआ है। गांव के लोग  पानी की बूंदबूंद के लिए परेशान है। कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि धूराफाट क्षेत्र के अंतिम गांव होने के चलते लगातार उपेक्षा की जा रही है। कोसी नदी कुछ ही दूरी पर है जहां समुचित मात्रा में पानी उपलब्ध है बावजूद गांव के लोग प्यासे हैं। स्थानीय सुनील मेहरा, गिरीश चंद, दीपक जोशी, गणेश जोशी, कमल राणा, चंदन सिंह, हरेंद्र सिंह, पान सिंह, जीवन सिंह, ज्ञान सिंह, भोला सिंह, गोपाल सिंह, चंदन सिंह आदि लोगों ने कोसी नदी से पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण किए जाने की मांग उठाई है ताकि गांवों के लोगों को लाभ मिल सके। कहा है कि ग्रामीणों के अनुसार यदि कोसी नदी से पेयजल पंपिग योजना का निर्माण किया जाएगा तो गरीब तीन सौ से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।

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