पहाड़ के इस जिले में खिसका ग्लेशियर, 14 गांवों के ग्रामीणों का रास्ता हो गया पूरी तरह बंद
उच्च हिमालयी दारमा घाटी को जाने वाले मार्ग पर युसुंग के पास भारी ग्लेशियर दरक गया है। जिसके चलते दारमा घाटी का मार्ग बंद है। माइग्रेशन में जा रहे ग्रामीण फंस गए हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 09 May 2019 12:10 PM (IST)
धारचूला/पिथौरागढ़, जेएनएन : उच्च हिमालयी दारमा घाटी को जाने वाले मार्ग पर युसुंग के पास भारी ग्लेशियर दरक गया है। जिसके चलते दारमा घाटी का मार्ग बंद है। माइग्रेशन में जा रहे ग्रामीण फंस गए हैं। मार्ग के शीघ्र खुलने के आसार नहीं होने से ग्रामीण जान हथेली पर रख कर पैदल जा रहे हैं।
इस वर्ष के रिकॉर्ड हिमपात से दारमा घाटी में अभी भी कई फीट बर्फ जमी है। दारमा घाटी के 14 गांवों का माइग्रेशन चल रहा है। दारमा मार्ग बंद है और सेला से आगे मार्ग पर कई फीट बर्फ जमी है। सीपीडब्ल्यूडी मार्ग से बर्फ हटा रही है, परंतु ग्लेशियर खिसक कर मार्ग में आ रहे हैं। विभाग के अनुसार अभी पूरा मार्ग खुलने में कम से कम छह से सात दिन लगने की संभावना है। इसी बीच सेला से आगे युसुंग के पास विशाल ग्लेशियर खिसक कर मार्ग पर आ चुका है। जिसके चलते मार्ग बंद हो चुका है। दारमा माइग्रेशन में जा रहे लोग यहां पर फंसे हुए हैं। ग्लेशियर के हटने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगने के आसार हैं। इस स्थिति में दारमा जाकर खेती करने वाले ग्रामीणों के सम्मुख विकट समस्या पैदा हो चुकी है। युसुंग दारमा के प्रवेश द्वार सेला के निकट है।
कई गांवों का यही है रास्ता
मार्ग बंद होने से चल, नागलिंग, बालिंग, दांतू, दुग्तू गो, ढाकर, गो, सीपू, मार्छा, विदांग जैसे गांवों तक पहुंच पाना संभव नहीं है। क्षेत्र के बीडीसी सदस्य मनोज नगन्याल ने मार्ग खुलने में हो रही देरी को विभाग की हीलाहवाली बताया। यदि एक सप्ताह के भीतर मार्ग नहीं खुला तो ग्रामीण सेला के पास ही धरने पर बैठ जाएंगे।
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