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पानी बर्बाद करने वाले इसे खबर नहीं चेतावनी समझें, हल्‍द्वानी में वाटर लेवल क्रिटिकल जोन में पहुंचा nainital news

हल्द्वानी में घटते भूजल स्तर पर केंद्रीय भूजल बोर्ड ने भी मुहर लगा दी है। मतलय कि यहां का वाटर लेबल खतरनाक स्‍तर पर पहुंच गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Thu, 02 Jan 2020 09:14 AM (IST)
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पानी बर्बाद करने वाले इसे खबर नहीं चेतावनी समझें, हल्‍द्वानी में वाटर लेवल क्रिटिकल जोन में पहुंचा nainital news
हल्द्वानी, जेएनएन : पानी की अहमियत न समझने वालों के लिए यह खबर नहीं चेतावनी है। ध्‍यान से पढ़ें और अपने जेहन में इस बात को उतरा लें। माजरा ये है कि हल्द्वानी में घटते भूजल स्तर पर केंद्रीय भूजल बोर्ड ने भी मुहर लगा दी है। मतलय कि यहां का वाटर लेबल खतरनाक स्‍तर पर पहुंच गया है। बोर्ड ने हल्द्वानी ब्लॉक को सेमी क्रिटिकल जोन में शामिल करने के साथ ही सिंचाई के लिए नए नलकूपों के निर्माण पर रोक लगा दी है। इससे मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल चार नए नलकूपों का निर्माण भी नहीं हो पाएगा। वहीं, बोर्ड की रिपोर्ट ने पानी से जुड़े विभागों के अफसरों को भी चिंता में डाल दिया है।

करीब 20 फीट तक स्‍थायी रूप से घटा जलस्तर

हल्द्वानी में भूजल स्तर लगातार घट रहा है। सिंचाई विभाग के अफसर भी करीब 20 फीट जलस्तर स्थायी रूप से घटने की जानकारी दे रहे हैं। अफसरों के मुताबिक हल्द्वानी ब्लॉक के भाबर क्षेत्र में 200 फीट से 500 फीट पर भूजल मिलता है। सिंचाई व जलसंस्थान के नलकूपों के भूजल दोहन से गर्मियों में जलस्तर काफी नीचे पहुंच जाता है। जिससे अफसरों को पाइप बढ़ाकर नलकूपों का संचालन करना पड़ता है।

इन शहरों में भी रोका गया निर्माण कार्य

केंद्रीय भूजल बोर्ड की हाल में इंटरनेट पर अपलोड रिपोर्ट में भी हल्द्वानी ब्लॉक के सेमी क्रिटिकल जोन में शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर व खटीमा ब्लॉक, हरिद्वार जिले के भगवानपुर व बहादराबाद ब्लॉक को भी सेमी क्रिटिकल जोन में शामिल किया गया है। केंद्रीय भूजल बोर्ड ने वर्ष 2017 के सर्वे के आधार पर रिपोर्ट सार्वजनिक की है। रिपोर्ट के बाद नाबार्ड ने इन सभी ब्लॉकों में नए नलकूपों के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृति पर रोक लगा दी है।

यहां लगने थे नए नलकूप

मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत हल्द्वानी ब्लॉक के हल्दूपोखरा नायक, बजूनिया हल्दू, तारा नवाड़ व नवाड़खेड़ा में नलकूप निर्माण होना था। सिंचाई विभाग के नलकूप खंड की ओर से नलकूप निर्माण के लिए 474 लाख रुपये के प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे गए थे। केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद अब चारों नलकूपों का निर्माण लगभग असंभव हो गया है। वहीं, ब्लॉक में सिंचाई के नए नलकूपों के निर्माण के रास्ते भी पूरी तरह बंद हो चुके हैं।

चार श्रेणियों में होता है भूजल

विशेषज्ञों ने भूजल को चार श्रेणियों में बांट रखा है। पहला सेफ जोन होता है, जिसे भूजल दोहन के लिए सुरक्षित माना जाता है। दूसरा सेमी क्रिटिकल जोन है। इस जोन में भूजल आने पर खतरे का अलार्म माना जाता है। तीसरे यानी क्रिटिकल जोन को खतरा माना जाता है और अंतिम ओवर एक्स प्लोइटेड जोन को डेंजर जोन माना जाता है। अंतिम जोन का मतलब भूजल का पूरी तरह सूखना होता है।

काशीपुर-खटीमा में पहले ही रोका गया है कार्य

डीसी सनवाल, मुख्य अभियंता, नलकूप खंड, सिंचाई विभाग ने बताया कि केंद्रीय भूजल बोर्ड ने हल्द्वानी ब्लॉक को सेमी क्रिटिकल जोन में शामिल किया है। ऐसे में नए नलकूपों के निर्माण के काम रुक जाएंगे। काशीपुर व खटीमा में पूर्व में ही नए नलकूप निर्माण पर रोक लगा दी गई है।

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