डीएम सर हम रहेंगे कहां? शराबी पिता ने पहले संपत्ति और अब घर भी बेच डाला
तीन भाई-बहनों के मुंह से शराब के लती पिता की हरकतों की दास्तां सुनकर डीएम को नशेड़ी पर गुस्सा आया।पिता ने नशे में पैतृक संपत्ति बेच दी है, अब वह एकमात्र बचे घर को भी बेचने को तैयार हैं।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sat, 19 Jan 2019 08:35 PM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : नशे की लत की भवायह तस्वीर सामने आई तो डीएम भी भौचक्के रह गए। तीन भाई-बहनों के मुंह से शराब के लती पिता की हरकतों की दास्तां सुनकर डीएम को नशेड़ी पर गुस्सा आया तो मासूमों के भविष्य पर मंडराये संकट पर दया भी छलक गई। बच्चों ने बताया कि पिता ने नशे में पैतृक संपत्ति बेच दी है, अब वह एकमात्र बचे घर को भी बेचने को तैयार हैं। डीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए रजिस्ट्रार कार्यालय को नशेड़ी का नाम देकर उसके मकान की रजिस्ट्री नहीं करने के आदेश दिए।
शनिवार को डीएम विनोद कुमार सुमन नैनीताल रोड स्थित अपने कैंप कार्यालय में जन समस्याएं सुन रहे थे। इसी भीड़ में शामिल तीन बच्चे उनके सामने पहुंचे। उनके हाथ में अपने घर की रजिस्ट्री और एक प्रार्थना पत्र था। उनकी आपबीती सुनकर डीएम कैंप कार्यालय का माहौल ही बदल गया। दो बहनों व एक भाई ने बताया कि वह काठगोदाम क्षेत्र में निर्मला कांवेंट स्कूल के पीछे के इलाके में रहते हैं। पिता को लंबे समय से शराब की लत है। नशे की लत में पिता ने धीरे-धीरे कर पैतृक संपत्ति बेच डाली। अब उनके पास सिर छिपाने के लिए केवल एक मकान बचा है। पिता अब एकमात्र बचे आशियाने को भी बेचने की कोशिश कर रहे हैं। मकान बिकने से वह सड़क पर आ जाएंगे। तीनों भाई-बहनों ने डीएम के आगे हाथ जोड़कर मकान बचाने की गुहार लगाई। ये दर्द भरी कहानी सुनकर डीएम का उनके पिता पर गुस्सा आने के साथ ही बच्चों के भविष्य पर आए संकट पर दर्द भी झलक गया। उन्होंने तुरंत रजिस्ट्रार कार्यालय को फोन किया। डीएम ने घर की रजिस्ट्री देखकर नशेड़ी के नाम व अन्य जानकारियां देकर किसी सूरत में रजिस्ट्री दूसरे व्यक्ति को नहीं करने के आदेश दिए।
नशे ने बीमारियों में जकड़ा तो पत्नी डिप्रेशन में पहुंची : नशे की लत ने केवल संपत्ति ही नहीं बर्बाद की। नशे की लत से बच्चों के पिता को बीमारियों ने भी जकड़ लिए और मां अवसाद ग्रस्त हो चुकी है। तीनों भाई-बहनों ने बताया कि पिता की नशे की लत से परेशान मां अवसाद ग्रस्त हो चुकी है। नशे की वजह से पिता बीमार भी रहते हैं और चार-पांच बार अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज भी कराया गया। इसमें भी परिवार का काफी धन खर्च हो गया। चिकित्सकों ने पिता को शराब नहीं पीने की सख्त हिदायत दी है। इसके बावजूद पीनी नहीं छोड़ रहे हैं। नशे करने से रोकने पर पिता मानसिक व शारीरिक उत्पीडऩ करने पर उतारू हो जाते हैं।
जागरूकता ही नशे से दूर रखने का माध्यम : एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नशा व तंबाकू के बारे में जागरूक करने के संबंध में बैठक की गई। एसपी सिटी ने कहा कि मातहतों को नशे के दुष्परिणामों के बारे में संपूर्ण जानकारियां रखना बेहद जरूरी है। जिससे लोगों को नशे के बारे में सही तरीके से जागरूक किया जा सके। बैठक में मौजूद डॉ. बलबीर सिंह, डॉ. हरेंद्र कठायत, डॉ. मेल परमाल ने जागरूकता ही नशे को रोकने का एकमात्र सशक्त माध्यम है। इसके लिए स्कूल-कॉलेज, सार्वजनिक व भीड़भाड़ वाले स्थानों में जागरूकता अभियान चलाने होंगे। उन्होंने बताया कि नशा व तंबाकू की वजह से प्रतिवर्ष हजारों लोग कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं।यह भी पढ़ें : बच्चों को नशे से बचाने के लिए अभिभावक रहें जागरूक और दें समय
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