Uttarakhand News: लगा था बाघ की गिनती के लिए कैमरा और कैद हो गए वन्यजीव तस्कर, फायरिंग के बाद दो गिरफ्तार
उत्तराखंड के सितारगंज में बाघों की गणना के लिए वन विभाग ने ट्रैप कैमरे लगाए थे। कुछ महीने पहले दो वन्यजीव तस्कर उसमें कैद हो गए। फुटेज की रूटीन चेकिंग में तस्करों को बंदूक के साथ देखते ही विभाग सतर्क हो गया और 6 जुलाई को पकड़ लिया।
By Prashant MishraEdited By: Updated: Sat, 06 Aug 2022 04:32 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नानकमत्ता (सितारगंज) : उत्तराखंड में वन्यजीव तस्करों की गिरफ्तारी का रोचक मामला हुआ। बाघ की गणना के लिए वन विभाग ने जंगल में ट्रैप कैमरा लगाया था। इसमें तस्कर की रिकार्डिंग हो गई।
इसके बाद फुटेज के आधार पर विभाग ने जाल बिछाकर दो तस्करों को दबोच लिया। दोनों के पास से असलहा और कारतूस बरामद हुए हैं। दोनों से गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी ली जा रही है।
गैंग पता कर रहा विभाग
जौलासाल जंगल में टाइगर की गणना के लिए शिफ्ट किए गए ट्रैप कैमरे में वन्यजीव तस्कर कुछ महीने पहले कैमरे में कैद हुए थे। रिकार्डिंग चेक करते समय मामले का खुलासा हुआ। फुटेज खंगालने के बाद वनविभाग की टीम मुखबिर की सूचना पर दोबारा जंगल में सर्च करने पहुंची तो आरोपितों ने वन्यजीवों पर फायरिंग की।टीम ने घेराबंदी कर शनिवार 6 जुलाई को दो वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार कर नानकमत्ता थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोपितों के कब्जे से अवैध बंदूक, कारतूस व खोखा मिला है। वनविभाग की वन्यजीव गैंग का पता लगाने में जुटी है।
मुखबिर ने की पहचान
पुलिस को दी तहरीर में जौलासाल वनक्षेत्र के दरोगा रघुवर मनोला ने बताया है कि भारतीय बाघों की गणना के लिए सुतलीमठ प्रथम कक्ष संख्या 9 में ट्रैप कैमरे लगाए गए थे। जिसमें दो वन्यजीव तस्कर हाथों में बंदूक लेकर विचरण करते कैद हुए।इसके बाद वनविभाग की टीम ने मुखबिर की सूचना पर आरोपितों के घर दबिश दी। यहां से आरोपित भाग गए। शाम को टीम ने आरक्षित वनक्षेत्र के सुतलीमठ में दबिश दी।
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