यूएनडीपी की मदद से बर्ड वाचिंग व ट्रैकिंग का प्रस्ताव सिक्योर हिमालय में शामिल, पहाड़ पर खुलेंगे रोजगार के रास्ते
पिथौरागढ़ में चल रही सिक्योर हिमालय योजना में अब वर्ड वाचिंग और ट्रैकिंग को भी शामिल कर लिया गया है। इनके जरिये उच्च हिमालय में पर्यटकों से जोड़कर रोजगार पैदा किए जाएंगे।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 09 Jun 2020 09:49 AM (IST)
पिथौरागढ़, रमेश गड़कोटी। यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंंट प्रोग्राम के सहयोग से उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में चल रही सिक्योर हिमालय योजना में अब वर्ड वाचिंग और ट्रैकिंग को भी शामिल कर लिया गया है। इनके जरिये उच्च हिमालय में रहने वाले लोगों को पर्यटकों से जोड़कर उनकी आमदनी में इजाफा किया जाएगा। युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। हिमालय की सेहत को बरकरार रखने के लिए भारत सरकार यूएनडीपी के सहयोग से सिक्योर हिमालय परियोजना का संचालन कर रही है। इस योजना के तहत क्षेत्र के जंगली जानवरों की सुरक्षा के साथ ही यहां के पर्यावरण की सुरक्षा की कवायद की जा रही है। योजना का संचालन कर रहे वन विभाग ने अब परियोजना के जरिये स्थानीय लोगों को रोजगार से जोडऩे की भी पहल कर दी है।
वन विभाग ने उच्च हिमालय में पक्षियों के अनूठे संसार से पर्यटकों को रूबरू कराने के लिए वर्ड वाचिंग का कार्यक्रम शामिल कर लिया है। यहां आने वाले पर्यटकों को स्थानीय लोग वर्ड वाचिंग कराएंगे। स्थानीय लोगों को इन पक्षियों की अच्छी जानकारी रहती है। वन विभाग क्षेत्र के युवाओं को इसके लिए प्रशिक्षण भी देगा। इसके अलावा ट्रैकिंग को भी इस योजना में शामिल कर लिया गया है। वन विभाग क्षेत्र में परंपरागत ट्रैकिंग रूटों की हालत सुधारने के साथ ही नए रूट भी विकसित करेगा। योजना वर्तमान में धारचूला तहसील की उच्च हिमालयी दारमा और व्यास घाटी में संचालित होगी।
प्रभागीय वनाधिकारी विनय भार्गव ने बताया कि सिक्योर हिमालय योजना का मकसद स्थानीय लोगों को स्थानीय संसाधनों से जोड़ते हुए उनकी आजीविका का संवद्र्धन करना भी है। इसी उद्देश्य से वर्ड वाचिंग, ट्रैकिंग जैसे कार्यक्रम परियोजना में शामिल किए गए हैं। इसके माध्यम से लोगों की आमदनी में इजाफे के प्रयास किए जाएंगे।
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