महिलाओं की ये आत्मनिर्भरता स्वच्छता की दिशा में भी सार्थक कदम
उजाला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जूट व कपड़े के बैग का निर्माण प्रारंभ हो गया है। औद्योगिक शहर में इस पहल से पॉलीथिन को भी मात मिलेगी।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 28 Oct 2018 05:21 PM (IST)
नैनीताल (जेएनएन) : महिलाओं को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने का कवायद तेज हो गई है। इसी क्रम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत गठित उजाला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जूट व कपड़े के बैग का निर्माण प्रारंभ हो गया है। औद्योगिक शहर में इस पहल से पॉलीथिन को भी मात मिलेगी।
12 महिलाओं का समूह कर रहा निर्माण फौजी मटकोटा के 12 महिलाओं का समूह इन बैगों का निर्माण कर रहा है। इसके लिए महिलाओं के समूह को प्रति महिला दस हजार रुपये दिया जा रहा है। समूह ने सरस मेला हल्द्वानी में बनाए अपने बैगों की पहली लॉट की बिक्री कर दी है। लोगों ने डिजाइनर बैगों को सराहा है। काशीपुर व सितारगंज में भी बैग बनाए जा रहे हैं।
पॉलीथिन पर भी लग रहा प्रतिबंध पॉलीथिन पर रोक के आदेश के बाद इन बैगों के बाजार में उपलब्ध होने से आने वाली दिक्कतों से बचा जा सकेगा। शुरुआत में इसे जिले भर की दुकानों को मुहैया कराया जाएगा। अधिक निर्माण होने पर अन्य जिलों में बिक्री के लिए भेजा जाएगा। ग्रामीण महिलाएं अपने बाकी बचे समय का उपयोग कर घर के खर्च में कंधे से कंधा मिलाकर पुरुषों का साथ देंगी। प्रतिदिन लगभग सौ बैग का निर्माण किया जा रहा है।
सौ बैग प्रतिदिन बनाए जा रहे
हिमांशु जोशी, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, रुद्रपुर ने बताया कि इस योजना से ग्रामीण महिलाएं आत्म निर्भर बनेंगी। वहीं वे अपने परिवार का भरण-पोषण पहले से बेहतर कर सकेंगी। शुरुआत में लगभग सौ बैग रोजाना बनाए जा रहे हैं।
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