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नवरात्रि बीती, अब दिवाली की तैयारी में जुटी महिलाएं, बना रहीं खूबसूरत ऐपण

नवरात्रि के बाद महिलाएं दीपावली की तैयारी में जुट गई हैं। कोई ऐपण तो कोई मोमबत्ती बनाने में जुटा है। महिला मंगल दल की सदस्याएं देवी लक्ष्मी के पद चिह्न तैयार करने में जुटी हैं। महिलाएं अब तक दो कुंतल मोमबत्ती तैयार कर बाजार में उपलब्ध करा चुकी हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Mon, 26 Oct 2020 07:26 AM (IST)
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नवरात्रि बीती, अब दिवाली की तैयारी में जुटी महिलाएं, बना रहीं खूबसूरत ऐपण

हल्द्वानी, जेएनएन : नवरात्रि बीतने के बाद महिलाएं रोशनी के पर्व दीपावली की तैयारी में जुट गई हैं। कोई ऐपण तो कोई मोमबत्ती बनाने में जुटा है। महिला मंगल दल की सदस्याएं देवी लक्ष्मी के पद चिह्न तैयार करने में जुटी हैं। महिलाएं अब तक दो कुंतल मोमबत्ती तैयार कर बाजार में उपलब्ध करा चुकी हैं। ऐपण देना शुभता का प्रतीक है। पहले समय में जब बाजार पर निर्भरता कम थी, लाल मिट्टी से लीपे दीवारों पर चावल पीसकर सफेद होरे (लकीरें) देकर ऐपण बनाए जाते थे। अब आमतौर पर स्टीकर वाले ऐपण प्रचलन में रहे हैं। हल्द्वानी की महिलाओं का नया प्रयोग काफी पसंद किया जा रहा है।

घर की सुंदरता के लिए देहरी, आंगन, पूजा कक्ष आदि जगहों पर ऐपण उकेरने की परंपरा है। दीपावली में विशेष साफ-सफाई और ऐपण से घर सजाया जाता है। परिवार की संपन्नता, खुशहाली के लिए लक्ष्मी के पदचिह्न बनाए जाते हैं। महिला मंगल दल हल्द्वानी ने प्लाइवुड, कपड़े व रबर शीट पर लक्ष्मी पदचिह्न और ऐपण तैयार किए हैं। संगठन की अध्यक्ष सोनी पंत बताती हैं कि आमतौर पर स्टीकर वाले ऐपण बाजार में उपलब्ध रहते हैं। कुछ समय बाद खराब हो जाते हैं। इससे फर्श, दीवार पर दाग रह जाता है। प्लाइवुड वाले ऐपण को लंबे समय तक रखा जा रहा है। सोनी अब दूसरी महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं। दूसरी महिलाओं ने भी काम शुरू कर दिया था।

महानगरों से आ रही डिमांड

महिला मंगल दल उत्तराखंड ने अपनी वेबसाइट तैयार की है। जिसके माध्यम से देश के दूसरे हिस्सों से डिमांड आ रही है। सोनी पंत ने बताया कि फेसबुक पेज के माध्यम से अभी तक अल्मोड़ा, गुरुग्राम व अहमदाबाद और दूसरे शहरों से डिमांड आ चुकी है। प्लाइवुड पर एक दर्जन लक्ष्मी पदचिह्न की कीमत 151 रुपये और कपड़े, रबर शीट पर देहरी ऐपण की कीमत 251 रुपये से शुरू है।

मोमबत्ती से मिल रहा रोजगार

ऊंचापुल स्थित अंजनी समूह की महिलाएं कमला रौतेला ने निर्देशन में खुशबू वाली डिजाइनदार मोमबत्ती तैयार करने में जुटी हैं। गिरिजा बुटीक एवं महिला विकास संस्था से प्रशिक्षण लेकर महिलाओं ने स्वरोजगार शुरू किया। कमला रौतेला बताती हैं कि उन्होंने दो कुंतल से अधिक मोम मंगाई है। समूह को इस बार अच्छे कारोबार की उम्मीद है। कई समूहों को मोमबत्ती उद्योग रोजगार दे रहा है।

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